बीएसएफ जवानों को घटिया खाना दिए जाने के बल के एक जवान की शिकायत पर पीएमओ ने गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मांगी.बीएसएफ जवान के वीडियो पर विवाद खड़ा हो गया है. गृह मंत्रालय जल्द घटना और उस पर की गई कार्रवाई पर विस्तृत रिपोर्ट देगा. पीएमओ के अनुरोध के बारे में पूछे जाने पर गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमें सभी संबंधित पक्षों को रिपोर्ट देनी हैं.
भोजन की कथित खराब गुणवत्ता को लेकर उठे विवाद के बीच बल ने कहा है कि राशन की कोई कमी नहीं है और सीमा पर तैनात जवानों ने खाने के बारे में कभी शिकायत नहीं की.जब एक सप्ताह पहले बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दौरा किया था तो वहां तैनात अन्य किसी भी जवान ने खाने के बारे में शिकायत नहीं की.
नियंत्रण रेखा पर चौकी के लिए राशन सेना मुहैया कराती है और बीएसएफ के कर्मी खाना पकाते हैं. जवान के वीडियो में दिखाई गयी ‘दाल’ डिब्बा बंद सामग्री से ली गई थी और परांठा यूनिट मेस में अत्यंत ऊंचे स्थानों पर प्रक्रियानुसार बनाया गया था.इस मामले में एक पूर्व सैनिक ने हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में इस बाबत जांच करने के निर्देश देने की मांग अदालत से की है.
इसमें कहा गया है कि अदालत द्वारा नियुक्त मॉनीटरिंग कमेटी इस बाबत जांच करे. एक पूर्व सैनिक पूर्ण चंद आर्य की तरफ से दायर याचिका में मांग की गई है कि अदालत गृहमंत्रालय को बीएसएफ के जवान द्वारा वीडियो में लगाए गए आरोपों की पृष्ठभूमि में भारत के सभी अर्धसैन्य बलों के संदर्भ में स्थिति रिपोर्ट जमा कराने का निर्देश दे.
सीमाई इलाके में अर्धसैनिक बल के जवानों को खराब किस्म का खाना परोसे जाने के बीएसएफ के एक जवान के आरोप के बीच, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि वह सेना को दिए जाने वाले खाने की गुणवत्ता की खुद निगरानी कर रहे हैं.