17 राज्यों में राज्यसभा की 59 सीटों पर चुनाव प्रक्रिया पूरी हुई। भाजपा ने इनमें से 28 सीटें जीत लीं हैं। 10 राज्यों के 33 उम्मीदवार निर्विरोध चुने जा चुके थे। जबकि 7 राज्यों की 26 सीटों पर वोटिंग हुई। यूपी में सबसे ज्यादा 10 सीटें थीं। भाजपा ने गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव में मिली हार का बदला ले लिया।
अपने सभी 9 उम्मीदवारों को जिताने में कामयाब रही। राज्य में 25 साल बना सपा-बसपा गठबंधन बसपा प्रत्याशी आंबेडकर को जिता नहीं पाया। क्रॉस वोटिंग के चलते शुरू में चुनाव आयोग ने मतगणना पर रोक लगा दी। बाद में द्वितीय वरीयता के वोटों से 10वीं सीट पर जीत का फैसला हुआ। इसमें भाजपा के 9वें उम्मीदवार अनिल अग्रवाल विजयी रहे।
उन्होंने बसपा के भीमराव अंबेडकर को हराया।इन राज्यों में वोटिंग हुई- उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल शामिल हैं।भाजपा के 9 उम्मीदवार- अरुण जेटली, जेवीएल नरसिम्हा राव, अनिल जैन, डॉ. अशोक बाजपेयी, विजयपाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, हरनाथ सिंह यादव, अनिल अग्रवाल और कांता कर्दम जीते।वहीं, सपा से जया बच्चन जीतीं।
भाजपा की सरोज पांडेय जीतीं। उन्होंने कांग्रेस के लेखराम साहू को हराया। भाजपा को 51 और कांग्रेस को 36 वोट मिले।एक सीट पर भाजपा के समीर उरांव और दूसरी पर कांग्रेस के धीरज साहू जीते।कांग्रेस को तीन और भाजपा को एक सीट मिली। कांग्रेस के एल हनुमंथैया, डॉ. सैयद नसीर हुसैन और जीसी चंद्रशेखर और भाजपा के राजीव चंद्रशेखर जीते।
कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी जीते। यहां कांग्रेस को टीएमसी का सपोर्ट था। उनके अलावा राज्य में टीएमसी के चार कैंडिडेट- अबीर रंजन बिस्वास, नदीमुल्ला हक, सुभाष चक्रवर्ती और शांतनु सेन जीते।सभी तीन सीटें सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति को मिलीं। बी. प्रकाश, जे. संतोष और एबी लिंगैया यादव जीते।
जनता दल यूनाइटेड (शरद यादव गुट) के एमपी वीरेंद्र कुमार जीते। यह सीट वीरेंद्र कुमार के इस्तीफा देने के बाद ही खाली हुई थी। तब वे जेडीयू से सांसद थे और उस वक्त नीतीश कुमार और शरद यादव एक साथ थे। यानी उन्हें बाकी बचे दो साल के लिए चुना गया है।
इस चुनाव के बाद भाजपा राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। अपने 38 साल के इतिहास में वह पहली बार 70 से ज्यादा सीटें हासिल कर पाई। बता दें कि भाजपा का गठन 1980 में हुआ था।भाजपा के राज्यसभा में फिलहाल 58 सांसद थे। अप्रैल में 14 सांसदों का कार्यकाल खत्म हो रहा था। इस तरह पार्टी के पास सिर्फ 44 सांसद बचते।