मोदी सरकार द्वारा NGOs​ को निशाना बनाने पर मायावती का निशाना

mayawati

बसपा मुखिया मायावती ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ का पक्ष लेते हुए कहा कि केन्द्र की गलत नीतियों के खिलाफ संघर्ष करने वाले संगठनों को भी निशाना बनाया जा रहा है। मायावती ने उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों, विधायकों और चुनाव के लिये घोषित उम्मीदवारों की बैठक में कहा कि रोहित वेमुला आत्महत्या मामले और इशरत जहां मुठभेड़ मामले में पक्षपातपूर्ण ढंग से काम करने वाली केन्द्र की भाजपा सरकार अब अपनी गलत नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वाले गैरसरकारी संगठनों को भी निशाना बना रही है।

उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार की ग़लत नीतियों और कार्यकलापों के खिलाफ संघर्ष करने वाले एन.जी.ओ. आदि पर भी केन्द्र सरकार की कार्रवाई जारी है, जिसके तहत तीस्ता सीतलवाड़ के एनजीओ सबरंग ट्रस्ट पर कठोर कार्रवाई करते हुये उसका पंजीकरण ही रद्द कर दिया गया है। यह सब पहली नज़र में ही द्वेषपूर्ण कार्रवाई लगती है, जिसका अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी विरोध हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने विदेशी मदद के दुरुपयोग के आरोप में तीस्ता का एफसीआरए पंजीकरण गत गुरुवार को रद्द कर दिया था। मायावती ने कहा कि सपा और भाजपा मिलकर कैराना से लोगों के पलायन के मुद्दे पर नूराकुश्ती कर रही हैं। यह अच्छी बात रही कि जनता उनके बहकावे में नहीं आयी। मगर भाजपा और सपा अब भी यात्राएं निकालने की होड़ कर माहौल बिगाड़ने की फिराक में हैं।

मायावती ने कहा कि यह शुभ संकेत है कि केन्द्र की भाजपा सरकार और प्रदेश की सपा सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ लोगों का संघर्ष और विरोध भी काफी तेज़ी पकड़ रहा है और दोनों ही सरकारें पूरी तरह से बेनक़ाब होती जा रही हैं। बसपा प्रमुख ने बैठक में पार्टी संगठन की ज़मीनी स्तर पर गतिविधियों, सर्वसमाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने से सम्बधित पूरे वर्ष चलने वाले मिशनरी कार्यों के साथ-साथ चुनावी तैयारियों पर भी गहन चर्चा की और इस बारे में फिर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।

मायावती ने इस बैठक के बाद फिर कुछ क्षेत्रीय समन्वयकों से अलग से वार्ता की और उन्हें सम्बधित क्षेत्र के लिए अलग से विशेष दिशा-निर्देश भी दिये। उन्होंने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के लोगों ने अमन-चैन, शान्ति-व्यवस्था और विकास के साथ-साथ कानून द्वारा कानून के राज की स्थापना के लिये बसपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने का मन बना लिया है और अब बसपा के कार्यकर्ताओं की जि़म्मेदारी बनती है कि वे उनके दु:ख-सुख के साथी बने रहें।मायावती ने कहा कि बसपा आने वाले विधानसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि उत्तराखण्ड और पंजाब में भी अपने बलबूते पर ही चुनाव लड़कर सरकार बनाने का प्रयास करेगी। 

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *