मांस बिक्री पर मुंबई में लगी रोक

meat-sell

जैन समुदाय की उपवास अवधि के दौरान मुंबई में चार दिन के लिए मांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जिसे लेकर विवाद छिड़ गया है । भाजपा के अलावा कई अन्य ओर से उठी मांग के बाद यह कदम उठाया गया है । भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने इस कदम की निंदा करते हुए इसे ‘तुष्टीकरण’ और ‘धार्मिक आतंकवाद’ की संज्ञा दी है। मुंबई महानगरपालिका  आयुक्त अजय मेहता के आदेश के पहले समीप के ठाणे जिला में एक निकाय संस्था ने इसी तरह का आदेश जारी करते हुए 11-18 सितंबर तक आठ दिनों के लिए मांस बिक्री पर रोक लगा दी थी। इस अवधि में जैन समुदाय उपवास ‘पर्यूषण’ करेंगे।

निकाय के फैसले का बचाव करते हुए मुंबई भाजपा इकाई के महासचिव अमरजीत मिश्रा ने आज कहा कि जैन समुदाय की धार्मिक भावनाओं की रक्षा करते हुए प्रतिबंध लागू किया गया और इसे ‘लक्षित फैसले’ के तौर पर नहीं लिया जाना चाहिए। शिवसेना और भाजपा शासित बीएमसी की ओर से जारी आदेश के मुताबिक चार दिनों- 10, 13, 17 और 18 सितंबर को मांस बिक्री पर प्रतिबंध होगा। मेहता ने फैसले के बारे में पीटीआई की ओर से भेजे गए संदेश पर जवाब नहीं दिया।

हालांकि, निकाय अधिकारियों ने दावा किया कि यह नया फैसला नहीं है और ऐसा कई वष्रो से किया जाता रहा है। साथ ही कहा कि मछली और अन्य समुद्री जीवों की बिक्री पर प्रतिबंध नहीं होगा। उन्होंने कहा कि केवल जैन समुदाय की ओर से ही नहीं बल्कि कुछ भाजपा पाषर्दों की ओर से उठी मांग के कारण यह फैसला किया गया।निकाय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘इन चार दिनों में बीएमसी बूचड़खाना बंद रहेगा और मांस की बिक्री पर भी प्रतिबंध रहेगा।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …