दिल्ली के ऑटो संगठनों ने दिल्ली में इकोनॉमी टैक्सी शुरू किये जाने तथा ऑटो व टैक्सी चालकों का शोषण किये जाने के विरोध में बुधवार को हड़ताल का ऐलान किया है.राजधानी दिल्ली के आधा दर्जन से अधिक ऑटो संगठनों ने दिल्ली में इकोनॉमी टैक्सी शुरू किये जाने तथा ऑटो व टैक्सी चालकों का शोषण किये जाने के विरोध में 2 सितम्बर को चक्का जाम हड़ताल का ऐलान किया है. ऑटो संगठनों ने स्पष्ट किया है कि बुधवार को देश के विभिन्न परिवहन संगठनों द्वारा केन्द्रीय ट्रांसपोर्ट एंड सेफ्टी बिल के खिलाफ की जा रही हड़ताल से उनकी हड़ताल अलग है. उनका कहना है कि उनकी हड़ताल दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार की नीतियों के खिलाफ है.
उल्लेखनीय है कि देश के विभिन्न परिवहन संगठनों ने केन्द्र सरकार के सड़क परिवहन एवं सुरक्षा बिल के खिलाफ 2 सितम्बर को देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है. परिवहन संगठनों का कहना है कि केन्द्र सरकार के नये बिल में ड्राईवरों के खिलाफ सख्त कानून है जिनमें नरमी बरती जानी चाहिए.परिवहन संगठनों की इस हड़ताल के साथ-साथ भारतीय मजदूर संघ, दिल्ली आटो व टैक्सी संघ सहित राजधानी के विभिन्न ऑटो व टैक्सी संगठनों ने दिल्ली में अरविंद केजरीवाल सरकार की नीतियों के खिलाफ बुधवार को चक्का जाम हड़ताल का ऐलान किया है.
लगभग आधा दर्जन आटो व टैक्सी संगठनों के पदाधिकारियों की मंगलवार को हुई बैठक में हड़ताल को सफल बनाने की रणनीति बनाई गई.दिल्ली ऑटो टैक्सी संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र सोनी ने स्पष्ट किया है कि दिल्ली में आटो व टैक्सी चालकों की हड़ताल को देशव्यापी परिवहन संगठनों की हड़ताल से न जोड़ा जाए. उन्होंने कहा कि दिल्ली के आटो व टैक्सी संगठन अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं.
उन्होंने दिल्ली सरकार पर ऑटो व टैक्सी चालकों की समस्याओं की उपेक्षा करना तथा उनकी रोजी रोटी बंद करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अब दिल्ली में बाइक सेवा व नैनो कार को इकोनॉमी टैक्सी के रूप में लाने की योजना शुरू कर सरकार आटो चालकों की रोजी रोटी छीन रही है. ऑटो चालकों ने अपनी रोजी रोटी बचाने के लिए यह निर्णायक संघर्ष शुरु किया है.उन्होंने बताया कि ऑटो संगठन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उपराज्यपाल नजीब जंग को हड़ताल की सूचना दे चुके हैं बावजूद इसके सरकार की ओर से हड़ताल स्थगित कराने की कोई पहल नहीं की गई है.