गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अपना ध्यान अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) पर केंद्रित किया है और पार्टी राज्य में 18 सितंबर को खेड़ा जिले के फगवेल में ओबीसी सम्मेलन का आयोजन कर रही है, जिसमें अमित शाह समेत अनेक वरिष्ठ नेता मौजूद होंगे। प्रदेश की विजय रूपाणी के नेतृत्व वाली सरकार ने 12 दिनों के राज्यव्यापी नर्मदा महोत्सव यात्रा का आयोजन किया है ताकि अपनी योजनाओं के बारे में लोगों तक जानकारी पहुंचा सके।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 17 सिंतबर को अपने जन्मदिन पर गुजरात में होंगे और इस दिन नर्मदा नदी पर बांध के नवनिर्मित गेट का उद्घाटन करेंगे।इसके साथ ही भाजपा गुजरात में ओबीसी वोटरों तक पहुंचने के लिए दो यात्राओं की योजना की रूपरेखा बना रही है। इसमें पहली यात्रा एक अक्टूबर को सरदार पटेल के जन्मस्थान करसमद से शुरू होगी, जबकि दूसरी यात्रा 2 अक्तूबर को महात्मा गांधी की जन्मभूमि पोरबंदर से शुरू होगी।
भाजपा यह पहल ऐसे समय में कर रही है जब पिछले काफी समय से हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाले पाटीदार आंदोलन के कारण पार्टी असहज है और परंपरागत रूप से भाजपा को वोट देने वाले इस समुदाय में नाराजगी देखी जा रही है।भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि भाजपा गुजरात के फगवेल में एक सम्मेलन आयोजित कर रही है।
इसमें पार्टी अध्यक्ष अमित शाह एवं कई अन्य वरिष्ठ नेता शामिल होंगे। पार्टी अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के समक्ष यह स्पष्ट करेगी कि कांग्रेस अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी है। वह ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के मार्ग में बाधक रही है। कांग्रेस ने राज्यसभा में मूल विधेयक को पारित होने में बाधा डालने का काम किया। उन्होंने बताया कि इन्हीं विषयों पर 18 सितंबर को सम्मेलन में हम भाजपा के रूख, दृष्टि और कार्यक्रम को रखेंगे।
पार्टी का कहना है कि राज्य में अन्य पिछड़ा वर्ग समुदाय की संख्या अच्छी खासी है और चुनाव में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। भाजपा ओबीसी वोट बैंक में पैंठ बनाने के लिए एक रैली और यात्राओं की रुपरेखा को अंतिम रूप देने में जुटी है। गौरतलब है कि गुजरात में पाटीदार मतदाता करीब 20 फीसदी हैं। पाटीदार समाज भाजपा का परंपरागत वोटर रहा है, लेकिन पटेल आरक्षण की मांग को लेकर फिलहाल नाराज बताया जा रहा है। भाजपा के खिलाफ माहौल बनाने के लिए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने संकल्प यात्रा निकाली है।