उत्तर प्रदेश के सूखा प्रभावित और जल संकट झेल रहे बुंदेलखंड इलाके को केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई पानी की ट्रेन को राज्य ने लेने से मना कर दिया है.रेल मंत्रालय को भेजे गए एक पत्र में अखिलेश यादव सरकार ने कहा है, हमारे यहां लातूर के जैसे हालात नहीं हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने पत्र में कहा कि अगर हमें पानी की जरूरत महसूस होगी तब हम रेलवे को सूचित कर देंगे.
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके में पानी की भारी किल्लत है और तमाम रिपोर्टों के बाद केंद्र का ध्यान इस ओर गया है. इलाके में पानी की किल्लत कितनी गंभीर है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां के कुछ किसान सूखे के कारण अपनी फसलों के नुकसान के चलते कथित तौर पर आत्महत्या कर चुके हैं.
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने पिछले महीने कहा था कि केंद्र का प्रयास है ऐसी रणनीति बनाना जिससे इलाके की पानी की समस्या और गरीबी की समस्या से निजात पाया जा सके. इस समस्या की वजह से लोग यहां से पलायन कर रहे हैं. इस समय मंत्री ने यूपी और मध्य प्रदेश के 10 सांसदों से मुलाकात की थी. ये सभी सांसद बुंदेलखंड इलाके से थे.
गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मराठवाड़ा इलाके के लातूर में 12 अप्रैल 2016 को ट्रेन से पानी पहुंचाया गया था. यहां दो बार 50 वैगन के साथ ट्रेन पानी लेकर पहुंची थी. यहां पानी की मारामारी के कारण धारा 144 लगाने की जरुरत पड़ी थी.