किसान आंदोलन अब पूरी तरह स्थगित हो गया है। दिल्ली की सीमाओं पर बैठे आंदोलनकारी किसानों ने अपना सामान बांध लिया है और आज वे लोग औपचारिक रूप से घर वापसी करेंगे। किसान आज अपनी जीत का जश्न मनाते हुए विजय रैलियां निकालेंगे। इसी के साथ अपने घरों की ओर लौट जाएंगे।
किसानों ने अपनी गठरियां बांध ली हैं और जरूरत का सभी सामान ट्रॉलियों में रखना शुरू कर दिया है।साथ ही तिरपाल को भी समेटा जा रहा है। तिरपाल बांधने में इस्तेमाल किए गए बांसों को भी ट्रैक्टर में वापस रखा गया है। इसी बीच नौजवान युवा लाउडस्पीकर बजा जश्न मना रहे है और घर वापस जाने से पहले एक दूसरे गले मिल खुशियां मना रहे हैं।
दरअसल सरकार की ओर से किसानों को मिले आश्वासन के बाद एसकेएम ने घर वापसी जाने का एलान कर दिया था। कुछ बुजुर्ग किसान अपने घर वापस जाने से पहले तंबुओं के आस-पास की सफाई भी कर रहे हैं। सभी सामान इक्ठ्ठा कर ट्रकों में भर दिया है। आज दिल्ली की सीमाओं से सैंकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर निकलेंगे।
सिंघु बॉर्डर पर सभी किसानों ने अरदास की है। आज वहां आखिरी लंगर रखा गया है, जिसके बाद सभी जत्थे जुलूस के साथ अपने घरों की ओर रवाना हो जाएंगे।हालांकि सैंकड़ो की संख्या में ट्रैक्टर निकलने से सड़कों पर जाम की स्थिति बन सकती है। इसलिए किसानों ने तय किया है कि सभी संगठन अलग-अलग समय पर वहां से निकलेंगे।
बीते एक साल से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे किसान आज उस जगह को खाली कर देंगे, जहां से इस आंदोलन की शुरुआत हुई थी। इसी के साथ एक साल से बंद बार्डर और सड़कों को खोलने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।दिल्ली की सीमाओं से जाने के बाद किसान नेता 13 दिसंबर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर जाकर दर्शन करेंगे। तो वहीं 15 दिसंबर को दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की अगली बैठक होगी।