प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 सितंबर को दिल्ली के बजाय गुजरात के गांधीनगर में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे की मेजबानी करेंगे. यह दूसरी बार होगा जब प्रधानमंत्री गांधीनगर में किसी नेता की मेजबानी करेंगे और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय बातचीत होगी. आखिरी बार सितंबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की गांधीनगर में मेजबानी की थी.
बता दें कि तीन साल पहले जब साबरमती के तट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शी जिनपिंग की मेजबानी की थी, उस समय चूमार में चीनी सेना के साथ भारत का टकराव चल रहा था. इस बार, भारत और चीन के बीच डोकलाम गतिरोध खत्म होने के तीन हफ्ते बाद पहली बार कोई विदेशी नेता भारत दौरे पर आ रहा है.
जापान एक मात्र ऐसा देश था जिसने डिप्लोमेटिक चैनल के जरिए डोकलाम गतिरोध पर भारत और भूटान को अपना समर्थन दिया. जापान के दिल्ली में उच्चायुक्त केंजी हीरामत्सु ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा हमारी समझ के मुताबिक दो महीने से डोकलाम इलाके में गतिरोध चल रहा था. इस विवादित इलाके में सबसे महत्वपूर्ण ये था कि कोई भी पक्ष अपने तरीके यथास्थिति को बदलने का प्रयास न करे और मामले का शांतिपूर्वक हल निकाला जाए.
सूत्रों के मुताबिक मोदी और आबे के बीच गांधीनगर में बातचीत होगी और दोनों मुंबई-अहमदाबाद के बीच महत्वाकांक्षी हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट के लिए भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे. इस प्रोजेक्ट को आम तौर पर बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट कहा जा रहा है. इस प्रोजेक्ट पर 98 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा. समारोह का आयोजन साबरमती रेलवे स्टेशन के पास ही रखा गया है.
पिछले साल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान दौरे पर गए थे, तो शिंजो आबे ने उनके साथ बुलेट ट्रेन में सवारी की थी. इससे पहले सितंबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के समय शिंजो अगवानी करने क्योटो आए थे, इसके बाद दोनों नेता द्विपक्षीय बातचीत के लिए टोकियो गए.