लोकसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में गठबंधन टूटने की कगार पर

मायावती ने को दिल्ली में लोकसभा चुनाव के नतीजों की समीक्षा की। मायावती ने उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों और सांसदों के साथ हुई बैठक में कहा कि सपा से गठबंधन का फायदा नहीं हुआ।हमें यादवों के वोट नहीं मिले। बैठक में बसपा प्रमुख ने उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय संयोजकों से हर सीट का ब्योरा लिया।

सूत्र के मुताबिक, बैठक में मायावती ने गठबंधन तोड़ने के संकेत देते हुए कहा- सपा के साथ गठबंधन सोच-समझ कर किया था। हम अपने नफे-नुकसान को जानते थे, लेकिन इस गठबंधन से कोई फायदा नहीं हुआ। यादव वोट बसपा को ट्रांसफर नहीं हुए।

वोट मिलते तो यादव परिवार के लोग नहीं हारते। सपा के लोगों ने गठबंधन के खिलाफ काम किया है। मुसलमानों ने हमारा पूरा साथ दिया। सूत्र के मुताबिक, उप्र की 11 विधानसभा सीटों पर होने वाले उप-चुनाव में बसपा अकेले ही चुनाव लड़ सकती है।

बसपा ने लोकसभा चुनाव में देश की 300 सीटों पर चुनाव लड़ा था। उप्र में बसपा ने सपा और रालोद से गठबंधन किया था। यहां बसपा को 10 सीटें मिलीं। बाकी राज्यों में बसपा एक भी सीट नहीं जीत पाई।

मायावती ने उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, राजस्थान, गुजरात और ओडिशा के प्रभारियों को हटा दिया है। दिल्ली और मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष भी बदल दिए गए हैं। उप्र में बसपा प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा से उत्तराखंड के प्रभारी का चार्ज भी छीन लिया गया।

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