भारत में रक्षा उत्पादन के कार्य में लगी हैं 333 निजी कंपनियों को 539 औद्योगिक लाइसेंस जारी किए गए : केंद्र

भारत में रक्षा उत्पादन के लिए कुल 333 निजी कंपनियों को 539 औद्योगिक लाइसेंस जारी किए गए हैं और इनमें से 110 कंपनियों ने उत्पादन शुरू कर दिया है। राज्यसभा में विजय पाल सिंह तोमर को एक लिखित जवाब में रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने कहा कि रक्षा उद्योग क्षेत्र, जो अब तक सार्वजनिक क्षेत्र के लिए आरक्षित था, उसे मई, 2001 में 100 प्रतिशत तक भारतीय निजी क्षेत्र के लिए खोल दिया गया।

इसके अलावा, निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए गए हैं।मंत्री ने बताया कि वर्ष 2021-22 के लिए कुल पूंजी अधिग्रहण बजट में से 64.09 प्रतिशत घरेलू पूंजी खरीद के लिए निर्धारित किया गया है, जबकि वित्तवर्ष 2021-22 के बजट में रक्षा पूंजी परिव्यय में 18.75 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।

उन्होंने कहा कि रक्षा खरीद प्रक्रिया-2016 को रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया (डीएपी)-2020 के रूप में संशोधित किया गया है, जो आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में घोषित रक्षा सुधारों के सिद्धांतों से प्रेरित है।रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन और विकास को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत उपकरणों की खरीद (भारतीय-आईडीडीएम या स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित) को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।

मंत्रालय ने 209 वस्तुओं की एक सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची अधिसूचित की है, जिसके संकेतित समय सीमा से परे आयात पर प्रतिबंध होगा।भट्ट ने कहा कि यह भारतीय रक्षा उद्योग को आने वाले वर्षों में सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने स्वयं के डिजाइन और विकास क्षमताओं का उपयोग करके इन वस्तुओं के निर्माण का एक बड़ा अवसर प्रदान करेगा।

मंत्री ने कहा कि पूंजी खरीद की मेक प्रक्रिया को सरल बनाया गया है। मेक-1 श्रेणी के तहत भारतीय उद्योग को सरकार द्वारा विकास लागत का 70 प्रतिशत तक वित्त पोषण करने का प्रावधान है। इसके अलावा, ‘मेक’ प्रक्रिया के तहत एमएसएमई के लिए विशिष्ट आरक्षण है।

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