सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से 1984 के सिख दंगों मामले की 199 फाइलें तलब कीं। ये उन केस की फाइलें हैं जो एसआईटी ने बंद कर दिए थे। एसआईटी को यूनियन होम मिनिस्ट्री ने ही बनाया था।जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच ने कहा कि वो मामले की जांच से जुड़ी इन फाइलों को देखना चाहती है। लिहाजा, तीन हफ्ते के भीतर ये फाइलें बेंच के सामने पेश की जाएं।
बेंच ने कहा- हम उन 199 केस की फाइलें देखना चाहते हैं जिन्हें एसआईटी ने बंद कर दिया था और इन पर केस ना चलाने का फैसला किया। कोर्ट ने कहा- तीन हफ्ते के भीतर ये फाइलें हमारे सामने पेश की जाएं।पिटीशनर एस. गुरलाद सिंह कहलों के वकील अरविंद दातार ने बेंच से कहा कि दंगों से जुड़े कुल 293 केस एसआईटी ने स्क्रूटनाइज किए थे।
तीन मेंबर्स वाली एसआईटी ने इनमें से 199 को बंद करने का फैसला किया।सरकार के एफिडेविट का हवाला देते हुए दातार ने कहा- 35 मेें से 28 केसों में शुरुआती जांच पूरी हो चुकी है। बाकी सात केस अब भी एसआईटी देख रही है। एसआईटी ने 59 मामलों को आगे की जांच के लिए फाइनल किया था लेकिन इनमें से 42 जांच के बाद बंद कर दिए गए। 13 पर विचार जारी है।
सुनवाई की शुरुआत में बेंच ने सरकार से 1984 के दंगों की जांच की माॅनिटरिंग के लिए अलग बॉडी बनाने के बारे में भी पूछा।इस पर अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि इन मामलों को पहले ही एक हाई पावर एसआईटी देख रही है और उसका टैन्योर इस साल 11 अगस्त तक ही है।सरकार के इस जवाब पर पिटीशनर के वकील ने कहा कि सरकार ने 199 केस को बंद करने का फैसला किया है। लेकिन, इस नतीजे पर पहुंचने में कोई ट्रांसपेरेंसी नहीं बरती गई। इसके बाद बेंच ने मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को करने के आदेश दिए।