महंगाई जैसे मुद्दों पर सोमवार और मंगलवार को होने वाली श्रमिक संगठनों की दो दिन की देशव्यापी हड़ताल में कई राज्यों में सरकारी बस सेवा ठप रह सकती है।श्रमिक संगठन दावा कर रहे हैं कि यूपी, बिहार, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक के राज्य सड़क परिवहन के कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे।
हड़ताल कराने वाले 10 श्रमिक संगठनों की ऑटो रिक्शा की कई यूनियनों ने भी कहा है कि दो दिन ऑटो-रिक्शा की सेवाओं पर भी असर पड़ेगा। मुंबई और दिल्ली के विषय में कहा गया है कि यहां ऑटो रिक्शा की सेवाएं कुछ घंटे प्रभावित रह सकती हैं।कहा जा रहा है कि पेट्रोल, डीजल और सीएनजी के दाम बढ़ने की वजह से भी ऑटो रिक्शा यूनियन हड़ताल का समर्थन कर रही हैं।
हड़ताल के दौरान बिजली सेवाओं पर भी असर पड़ सकता है। राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारी ही नहीं अधिकारी और इंजीनियर भी हड़ताल पर जा रहे हैं।सरकारी क्षेत्र के बैंक और बीमा कंपनियों में कामकाज पूरी तरह ठप रहने की आशंका जताई जा रही है। इस हड़ताल का एक बड़ा मुद्दा निजीकरण है और बैंक और बीमा क्षेत्र इससे सर्वाधिक प्रभावित है।
हड़ताल के दौरान कोयला, इस्पात और पेट्रोलियम की सरकारी कंपनियों में भी कामकाज नहीं होगा।रक्षा उत्पादन इकाइयों में कानून के जरिए हड़ताल पर रोक लगाई गई है लेकिन वहां सभी 44 इकाइयों में श्रमिक हड़ताल के समर्थन में प्रदशर्न करेंगे। इसी तरह से रेलवे के सभी स्टेशनों पर कर्मचारी हड़ताल के पक्ष में प्रदशर्न करेंगे।
बंदरगाह पर भी श्रमिक सोमवार, मंगलवार को काम नहीं करेंगे। औद्योगिक क्षेत्रों में निजी इकाइयों में काम करने वाले श्रमिक भी कई जगह हड़ताल पर रहेंगे।एटक के सचिव विद्यासागर गिरी ने कहा कि सभी राज्यों के सड़क परिवहन, बिजली बोर्ड के कर्मचारी, सरकारी स्कूल-कॉलेज के शिक्षक, सभी तरह का काम करने वाले श्रमिक हड़ताल पर जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में भी इस दौरान काम ठप रहेगा।इस हड़ताल में आरएसएस के श्रमिक संगठन बीएमएस को छोड़कर लगभग सभी श्रमिक संगठन शामिल हैं। हड़ताल कराने वाले श्रमिक संगठनों में इंटक, एचएमएस, आईयूटीयूसी, यूटीयूसी, एआईसीसीटीयू, टीयूसीसी और महिला संगठन सेवा प्रमुख हैं।