जिला अदालत ने एक ऐतहासिक फैसला सुनाते हुए रेप पीड़िता को आरोपी के दबाव से बचाने और उस पर धोखाधड़ी का फर्जी केस दर्ज करने के मामले में डेराबस्सी पुलिस की जमकर खिंचाई की। अदालत ने पीड़िता को झूठे आरोप में फंसाने वाले व्यक्ति अमनदीप सिंह को अंतरिम जमानत दे दी है।
यह फैसला अतिरिक्त जिला सेशन जज डीएस जोहल की अदालत ने सुनाया है। जानकारी के मुताबिक� डेराबस्सी थाने में राजिंदर जैन उर्फ राना के खिलाफ रेप का मामला दर्ज हुआ। केस दर्ज होने के बाद राना ने अमनदीप के माध्यम से पीड़िता से समझौता का प्रयास किया था। राना ने बाद में आरोप लगाया कि पीड़िता ने उससे 42 लाख रुपये समझौते के लिए मांगे। परंतु बाद में उसने एक लाख रुपये अमनदीप को समझौते के लिए दे दिए थे।
राना ने बताया कि बाद में दोनों ने उससे धोखा किया। न तो उसे पैसे वापिस किए और न ही उसे पैसे वापिस किए। साथ ही पीड़िता के खिलाफ ही उसने डेराबस्सी थाने में केस दर्ज करवा दिया था। 22 मार्च को अमनदीप और रेप पीड़ित के खिलाफ धोखाधड़ी के माध्यम से केस दर्ज किया था। जबकि अदालत में पीड़िता ने अने बयान दर्ज करवाए कि वह किसी अमनदीप सिंह को नहीं जानती है और न ही उसने राना से किसी भी प्रकार का कोई समझौता किया था।