जम्मू कश्मीर में घुसपैठ तेज करने के लिए पाकिस्तान ने अपने सभी आतंकी शिविरों और लॉन्चपैड्स को नियंत्रण रेखा के पास स्थानांतरित कर दिया है।लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), जैश एमोहम्मद (जेएम), और हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम) जैसे आतंकवादी समूहों ने भारतीय सीमा से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर अपने शिविर बनाए हैं।
पाकिस्तान की आईएसआई सीधे लॉन्चपैड्स को तैयार कराने में मदद की है और आतंकियों को ट्रेनिंग भी दी है।पाकिस्तान ने कथित तौर पर घुसपैठ में सफल होने वाले आतंकवादियों की मदद के लिए भारत में ड्रोन के माध्यम से 300 छोटे हथियार भी गिराए हैं। हाइब्रिड किलिंग के लिए सभी हथियार श्रीनगर और उसके आसपास हैं।
लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के लगभग 50 विदेशी आतंकवादी पहले ही घुसपैठ कर चुके हैं और श्रीनगर में रह रहे हैं, कार्रवाई के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।खुफिया एजेंसियों का मानना है कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा घुसपैठ की हालिया कोशिशों को नाकाम कर दिया गया है, जोभारतीय सीमा के करीब आतंकी लॉन्चपैड स्थापित करने के पाकिस्तान के प्रयास की ओर इशारा करता है।
सूत्रों ने कहा कि तालिबान के अधिग्रहण के बाद बड़ी संख्या में प्रशिक्षित कार्यकर्ता भी पेशावर, बहावलपुर और मुजफ्फराबाद में बैठे हैंऔर घुसपैठ की प्रतीक्षा कर रहे हैं।इस बीच जम्मूकश्मीर पुलिस ने बुधवार को बारामूला जिले के सोपोर इलाके में मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकियों को ढेर कर दिया।आतंकियों की पहचान सोपोर निवासी मोहम्मद रफी और पुलवामा निवासी कैसर अशरफ के रूप में हुई है। मुठभेड़ के दौरान घायल एकनागरिक को श्रीनगर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है।