वोट बैंक और आतंकवादी हमले

अमेरिका में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले के 10 साल पुरे हो चुके हैं और इन 10 साल में  अमेरिका  में एक भी आतंकी घटना नहीं हुई जो इस बात का सबूत है की उनकी सुरक्षा पुख्ता है,  सुरक्षा के नाम पर उन्होंने हमारे राजदूत हो या पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर कलाम के भी जूते उतरवा लिए।

बड़े अफसोस की बात है की भारत में पिछले 3 साल में एक दर्जन से ज्यादा आतंकी हमले हो चुके हैं और सैकड़ो लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। जाँच के नाम पर कई जाँच एजेंसिया भी बनी लेकिन नतीजा सिफर, आखिर कहां पर चुक हो रही है लेकिन अफज़ल हो या भुल्लर  और कसाब की फाँसी अधर में लटकी है, जो की कोर्ट के फैसले के बाद भी आज तक ये नेता अपनी वोट बैंक की राजनीति के कारण इन्हें आगे नहीं बढा पाए, आखिर देश के गद्दारों को सजा होने के बाद भी सजा क्यों नहीं मिल रही  है।

इन लाशो के नाम पर राजनैतिक पार्टिया ने अपनी रोटिया खूब सेखी हैं अगर डेल्ही ब्लास्ट के आरोपी कल पकडे भी जाते है तो क्या गारंटी है की ब्लास्ट के पीडितो को एकदम कोर्ट के फैसले के बाद न्याय मिल पायेगा? हो सकता है इसमें भी वोट बैंक की पोलटिक्स आड़े आ जाए, हाँ ये जरुर होगा की  इन्हें पहले हाई सिक्यूरिटी में रखा जाएगा।करोड़ो रूपये उसकी सुरक्षा  पर खर्च होंगे तब जा कर अगर फैसला भी आता है तो वो वोट बैंक की राजनीति की भेट चढ़ जाएगा। हाल में में डेल्ही ब्लास्ट के बाद कई नेताओ के बयानबाजी  देख रहा था व पढ़ भी रहा था, जहाँ एक दुसरे के सरकारों  के कार्यकाल पर हुए आतंकी हमलों का ज़िक्र कर रहे थे, और पूरे बायो डाटा लेकर एक दूसरे पर हमले कर अपनी राजनीति चमकाने पर जरुर लगे थे।  बड़ी शर्म आती है इन बेशर्मो पर जो इन आतंकी हमलो के बाद जिम्मेदारी  लेने के बजाय एक दुसरे को कोसते है और लाशो पे राजनीती करते है। इनका बस चले तो ये संसद में जन लोकपाल की जगह अफज़ल गुरु की फाँसी माफ़ हो इसका प्रस्ताव  ले आयेंगे क्योकि उससे इनको एक वर्ग विशेस का वोट जरुर पक्का हो जाएगा।

किशोर जोशी

अल्मोड़ा, ऊत्तराखंड

 

Check Also

विश्व शांति मिशन ने पूरे लॉकडाउन में की एक लाख से अधिक लोगों की सहायता

पं देवकीनंदन महाराज के निर्देशन में जारी रहे सेवा कार्य। कोरोना वायरस के कारण घोषित …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *