खंडहरों में गुम हो गई शहीदों की शहादत

छतरपुर। भारत कि आजादी की पहली चिंगारी 1857 कि क्रांति की भले ही सरकार ने कुछ वर्ष पहले डेढ़ सौ वीं वर्षगांठ मनाई हो लेकिन इस ज्वाला को प्रज्ज्वलित करने को सरकार भूल गई है। देश की आजादी के लिए अपना सर्वस्य न्योछावर करने की गवाह रहीं काल कोठरियां अब खंडहरों में तब्दील हो चुकी हैं।

मध्य भारत में तेजी से फेल रहीं आजाद की ज्वालाओं से भयभीत अंग्रेज शासकों ने मध्यभारत पर नियंत्रण करने के लिए छतरपुर के नौगांव को अपनी राजनैतिक राजधानी बनाया था। यहीं से पूरे मध्य भारत को नियंत्रण में रखा जाता था। राजनैतिक राजधानी होने के नाते युद्धबंदियों एवं क्रांतिकारियों के भाग्य का फैसला यहीं होता था और फैसला होने तक कड़ी सुरक्षा वाले जेल की कालकोठरियों में बंद कर दिया जाता था। ऐसा कहा जाता है कि मध्य भारत की सभी रियासतों के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को नौगांव के इसी जेल में फांसी की सजा दी जाती थी। लेकिन शहीदों के बलिदान की गवाह रहीं ये कालकोठरियां अब पूरी तरह खंडहरों में तब्दील हो चुकी हैं। अब किसी को यह भी पता नहीं कि यहां कभी जेल भी हुआ करता था।

1947 में देश आजाद हो गया और अंग्रेज भारत छोड़कर चले गए। 1952 में इस विषाल जेल में षासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज की स्थापना कर दी गई। लेकिन भवन का क्षेत्रफल ज्यादा होने के कारण कुछ भाग तो उपयोग किया जाने लगा जबकि एक बड़ा क्षेत्र खंडहर के रूप में तब्दील होता गया। आज यह जेल पूरी तरह खंडहर हो चुका है।

महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने काटी है सजा यहां

बुंदेला विद्रोह एवं 1857 की क्रांति से लेकर देष की आजादी तक के महान स्वतंत्रता संग्राम सेसानियों ने यहां सजा काटी है। ऐसा कहा जाता है कि तात्या टोपे से लेकर विद्यावती चतुर्वेदी तक यहां की कालकोठरियों में कैद रही हैं। हालांकि इसके पुख्ता प्रमाण नहीं हैं।

राष्ट्रीय स्मारक घोषित होना चाहिए

भवन में संचालित पॉलीटेक्निक कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रमोद मिश्रा बताते हैं कि हम प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी को जेल की कालकोठरियों में दीपक जलाकर षहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं। उनका कहना है कि सरकार को इस भवन को संरक्षित कर राष्ट्रीय स्मारक घोषित करना चाहिए।

रजनीश दीक्षित

छतरपुर म.प्र.

इडिया हल्ला बोल

Check Also

विश्व शांति मिशन ने पूरे लॉकडाउन में की एक लाख से अधिक लोगों की सहायता

पं देवकीनंदन महाराज के निर्देशन में जारी रहे सेवा कार्य। कोरोना वायरस के कारण घोषित …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *