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नए सशक्त भारत का निर्माण वो युवा करेगा जिसके एक हाथ में कम्प्यूटर और एक हाथ में गीता होगी : देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज

एक नए सशक्त भारत का निर्माण वो युवा करेगा जिसके एक हाथ में कम्प्यूटर और एक हाथ में गीता होगी, यह बात कही कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने।

विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में सास्कृतिक महोत्सव 2018 का आयोजन किया गया जिसमें अपने विचार रखते हुए देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने कल्चर टेरेरिजम पर अपनी बात रखते हुए कहा कि आज के युवा आइटम सांग देखते हैं क्या ऐसे युवा संस्कारी बनेंगे, अगर युवाओं को संस्कारी बनाना है तो गीता पढ़ाओ, रामायण पढ़ो, आप आइटम सॉन्ग देखकर संस्कारी नहीं बन सकते।

उन्होंने कहा कि आजकल कान्वेट में पढ़ने वालें बच्चों को कहा जाता है कि आप चोटी नहीं रख सकते, हाथ में कलेवा नहीं बांध सकते, तिलक नहीं लगा सकते अगर आपने ऐसा किया तो आपको स्कूल से निकाल दिया जाएगा।

क्या यह हमारे संस्कारों, संस्कृति को खत्म करने की साजिश है। महाराज श्री ने मा. मंत्री श्री गिरिराज सिंह जी के समक्ष यह बात रखी तो मंत्री जी ने कहा की अगर मिशिनरी का स्कूल हमारे संस्कारों का विरोध करता है त पूरे देश को उसका विरोध करना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व की सर्वाधिक प्राचीन एवं समृद्ध संस्कृति है। भारत देश संस्कृत, संस्कृति और संस्कार के समावेश वाला देश है, हमारी परंपराएं, भाषाएं और कलाएं ही हमारी पहचान है।

प्राचीन सभ्यता के बलबूते ही आज हम एक सभ्य समाज में जी रहे है। हमारे ऋषि परंपराओं ने ही हमे संस्कृत, संस्कृति और संस्कार का बोध कराया है। भारतीय संस्कृति में इतनी ताकत है कि पाश्चात्य संस्कृति भी भारतीय संस्कृति से प्रभावित रही है।

भारतीय संस्कृति के प्रति पाश्चात्य लोगों में जिज्ञासा बढ़ रही है और वो भारतीय संस्कृति को जानने समझने भारत आते हैं। भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण तत्व शिष्टाचार,  सभ्य संवाद, धार्मिक संस्कार, मान्यताएँ और मूल्य आदि हैं।

आज कल हर व्यक्ति की जीवन शैली आधुनिक हो रही है लेकिन भारतीय पूरे विश्व में जहां भी है वहां वह आज भी अपनी परंपरा और मूल्यों को बनाए हुए हैं।तीन दिवसीय इस आयोजन में देश की राजनीति की दिग्गज हस्तियां ने भी शिरकत की।

कार्यक्रम के तीसरे दिन मुख्य अतिथियों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गिरिराज सिंह जी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री विजय सांपला जी, राज्यसभा सांसद श्री सत्यनारायण जाटिया, सांसद श्रीमती प्रियंका रावत, एवं सांसद श्री साक्षी महाराज जी ने कार्यक्रम में अपनी गरिमामय उपस्थिति दर्ज करवाई।

संस्था द्वारा उन्हें स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।तीन दिवसीय इस कार्यक्रम की थीम हर दिन अलग रखी गई थी।

पहले दिन की थीम नारी शक्ति पर आधारित थी जिसमें अपने क्षेत्र में विशिष्ठ योगदान देने वाली नारी शक्ति को स्मृति चिन्ह एवं सहयोग राशि देकर सम्मानित किया गया, तो वहीं दूसरे दिन की थीम हमारे देश के लिए प्राणों का बलिदान देने वाले वीर जवानों को समर्पित थी जिसमें हमारे वीर जवानों और शहीदों के परिवार वालों को स्मृति चिन्ह एवं सहयोग राशि देकर सम्मानित किया गया।

तीसरे दिन की थीम थी संस्कृत, संस्कृति और संस्कार, भारत वर्ष का एक आधार, आओ करें एक नए भारत का निर्माण।

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