How to Reduce Obesity in Hindi: मधुमेह या चीनी की बीमारी एक खतरनाक रोग है। यह बीमारी में हमारे शरीर में अग्नाशय द्वारा इंसुलिन का स्त्राव कम हो जाने के कारण होती है। रक्त ग्लूकोज स्तर बढ़ जाता है, साथ ही इन मरीजों में रक्त कोलेस्ट्रॉल, वसा के अवयव भी असामान्य हो जाते हैं। धमनियों में बदलाव होते हैं। इन मरीजों में आँखों, गुर्दों, स्नायु, मस्तिष्क, हृदय के क्षतिग्रस्त होने से इनके गंभीर, जटिल, घातक रोग का खतरा बढ़ जाता है।
मधुमेह होने पर शरीर में भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने की सामान्य प्रक्रिया तथा होने वाले अन्य परिवर्तनों का विवरण इस प्रकार से है। किया गया भोजन पेट में जाकर एक प्रकार के ईंधन में बदलता है जिसे ग्लूकोज कहते हैं। यह एक प्रकार की शर्करा होती है। ग्लूकोज रक्त धारा में मिलता है और शरीर की लाखों कोशिकाओं में पहुंचता है।अग्नाशय वह अंग है जो रसायन उत्पन्न करता है और इस रसायन को इंसुलिन कहते हैं। इनसुलिन भी रक्तधारा में मिलता है और कोशिकाओं तक जाता है। ग्लूकोज से मिलकर ही यह कोशिकाओं तक जा सकता है। शरीर को ऊर्जा देने के लिए कोशिकाएं ग्लूकोज को उपापचित (जलाती) करती है। ये प्रक्रिया सामान्य शरीर में होती हैं।
ब्लूबेरी खाए ये हाइपरटेंशन, मधुमेह, ब्लड प्रेशर के साथ यह मोटापे को भी काबू में लाता है.? ब्लूबेरी नीले रंग के छोटे गोल बेरीस् होते हैं, जिनमें खटास होने के बाद भी, इनका स्वाद हल्का मीठा होता है। इसके आस-पास चांदी के रंग जैसी कलियां होती है जो पुरी तरह पकने के बाद हरे से लाल रंग में बदलकर अंत में नीले रंग में बदल जाते हैं। बेरी मई और जून के महिने में पकते हैं और इसलिए यह मौसम ब्लूबेरी टार्ट, पाई के मज़े लेने का पर्याप्त मौसम है और साथ ही ब्लूबेरी जैम, डेज़र्ट टॉपिंग और सिरप भी बनाते है .
ब्लूबेरी जितना स्वादिष्ट फल है उससे कहीं ज्यादा स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। ब्लूबेरी में एंटी-ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाया जाता है। हाइपरटेंशन, मधुमेह, ब्लड प्रेशर के साथ यह मोटापे को भी काबू में लाता है। ब्लूबेरी कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी बचाव करता है। यानी यदि आप नियमित रूप से ब्लूबेरी का सेवन करेंगे कई खतरनाक बीमारियों से बचे रहेंगे।
यदि आपका वजन अधिक है तो नियमित ब्लूबेरी का सेवन करके आप इसे नियंत्रित कर सकते हैं। ब्लूबेरी पेट के पास जमा अतिरिक्त चर्बी से निजात दिलाता है।ब्लूबेरी में कैलोरी की मात्रा कम होती है और इसमें पाया जाने वाला फाइबर मोटापे को निंयत्रित करता है। कई शोधों में भी यह बात साबित हो चुकी है कि ब्लूबेरी शरीर से शुगर के स्तर को कम करता है जिससे मोटापे की समस्या नहीं होती है।
ब्लूबेरी में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट त्वचा की विकृतियों से निजात दिलाता है। इसका नियमित सेवन करने से आप हमेशा जवां रह सकते हैं। ब्लूबेरी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट मुक्त कण को बेअसर करता है और कोशिकाओं को क्षतिग्रस्त होने से बचाता है। ब्लूबेरी शरीर के लिए हानिकारक एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, जो झाइयों और झुर्रियों के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारक है।
दरअसल ब्लूबेरी में आर्टेरियसलेरोसिस नामक तत्व पाया जाता है, जो रक्त वाहिकाओं में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को जमा होने से रोकता है। चूंकि इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है तो इसे खाने से शरीर में अतिरिक्त चर्बी जमा नहीं होती है। यदि आपने उच्च कैलोरीयुक्त आहार का सेवन भी कर लिया तो उसके बाद ब्लूबेरी खाने से उसके प्रभाव को कम कर सकते हैं।
मधुमेह पर नियंत्रण के लिए ब्लूबेरी का सेवन कीजिए। डायबिटिक्स भी इसका सेवन करके मधुमेह पर नियंत्रण पा सकते हैं। ब्लूबेरी के अलावा इसकी पत्तियां भी बहुत गुणकारी हैं। जर्नल ऑफ न्यूट्रीशन के अनुसार, ब्लूबेरी की पत्तियों में एंथोसियानीडीनस नामक तत्व भारी मात्रा में मौजूद होते हैं जो मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया नियंत्रित करते हैं और ग्लूकोज को शरीर के विभिन्न हिस्से में सही तरीके से पहुंचाने में मदद करता है। इस खास गुण के कारण ही ब्लड में शुगर का स्तर नहीं बढ़ता और मधुमेह जैसी बीमारी नहीं होती है।
तनाव से परेशान हैं तो ब्लूबेरी आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकती है। तनाव से बचने के लिए हफ्ते में दो बार मुट्ठीभर ब्लूबेरी खाना बेहद फायदेमंद है। एक्सप्रेस डॉट को डॉट यूके की रिपोर्ट के मुताबिक ब्लूबेरीज में पाए जाने वाले बायो-एक्टिव पदार्थ एंथोकायनिंस से तनाव से बचाव हो सकता है।ब्लूबेरी हार्ट अटैक की संभावनाओं को भी कम करता है। अमेरिकी कृषि विभाग की अगुआई में हुए एक शोध में शोधकर्ताओं ने पाया कि कि ब्लूबेरी खाने से दिल का दौरा पड़ने की आशंका कम हो जाती है। उनका कहना है कि ब्लूबेरी धमनियों में कड़ापन नहीं आने देंती जो अक्सर दिल के दौरे की वजह होता है। इसमें फ्लेवोनॉयड नामक पदार्थ पाया जाता है जो दिल की बीमारियों से बचाता है।
कैंसर एक जानलेवा बीमारी है जिसका उपचार आसानी से नहीं हो पाता, यह किसी को भी हो सकता है। लेकिन क्या आपको पता है कि ब्लूबेरी का सेवन करने से कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से बचाव किया जा सकता है। दरअसल ब्लूबेरी में एलेगिक एसिड और टेरोस्टिलबीन नामक तत्व पाया जाता है जो कैंसर से बचाता है, विशेषकर पेट के कैंसर से।
आंखों की बीमारियों से बचना है तो ब्लूबेरी का सेवन कीजिए। बढ़ती उम्र के कारण यदि आपको आंखों की समस्यायें हो रही हैं तो इससे बचाव किया जा सकता है। इतना ही नहीं ब्लूबेरी आंखों की रोशनी बढ़ाता है। इसमें पाया जाने वाला एंथोसाइनोसाइड्स नामक कंपोनेंट पाया जाता है जो आंखों को बीमारियों से बचाता है। इसके अलावा यह मोतियाबिंद और मायोपिया जैसी बीमारियों से भी बचाव करता है।
ब्लूबेरी एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर है, जिसके कारण यह संक्रमण से भी बचाव करता है। घरेलू उपचार के लिए बहुत पहले से ही ब्लूबेरी का प्रयोग होता आया है। यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने पर ब्लूबेरी का इस्मेमाल करना चाहिए।बढ़ती उम्र की वजह से याददाश्त कमजोर होने की शिकायत सामान्य है, लेकिन यदि आप ब्लूबेरी का सेवन कर रहे हैं तो आपकी याददाश्त कमजोर नहीं होगी। इसलिए याददाश्त को बढ़ाने और बरकरार रखने के लिए ब्लूबेरी का सेवन कीजिए।
यदि आपकी पाचन शक्ति कमजोर है तो ब्लूबेरी का सेवन कीजिए। यह फाइबर का बहुत अच्छा स्रोत है जो कब्ज की शिकायत को दूर कर खाने को अच्छे से पचाने में मदद करता है। इसमें पाये जाने वाले मिनरल और अन्य पोषक तत्व पाचन क्रिया को मजबूत बनाते हैं।
पोषण तत्व ब्लूबेरी में :-
==============
मात्रा प्रति 100 ग्राम में क्या और कितना :-
==========================
कैलोरी (kcal)- 57 ग्राम
कुल वसा- 0.3 ग्राम
संतृप्त वसा- 0 ग्राम
बहुअसंतृप्त वसा- 0.1 ग्राम
मोनोअसंतृप्त वसा- 0 ग्राम
कोलेस्टेरॉल- 0 मिलीग्राम
सोडियम- 1 मिलीग्राम
पोटैशियम -77 मिलीग्राम
कुल कार्बोहायड्रेट- 14 ग्राम
आहारीय रेशा -2.4 ग्राम
शक्कर 10 ग्राम
प्रोटीन –0.7 ग्राम
विटामिन- ए- 54 IU
विटामिन सी- 9.7 मिलीग्राम
कैल्शियम- 6 मिलीग्राम
आयरन- 0.3 मिलीग्राम
विटामिन डी- 0 IU
विटामिन बी6- 0.1 मिलीग्राम
विटामिन बी 12 0 µg
मैग्नेशियम- 6 मिलीग्राम
नोट :-
===
ताज़ी बेरी खरीदते समय, किसी भी तरह के कीटणु संक्रमण, दाग या धब्बों की जाँच कर लें।समान रुप से पीले रंग के बेरी (पुरी तरह से पके हुए) और बिना किसी लाल धब्बे वाले (हल्के कच्चे) ब्लूबेरी ही चुनें।खरीदने पर ब्लूबेरी पके हुए होने चाहिए, क्योंकि तोड़ने के बाद यह अपने आप नहीं पकते हैं।पानी जैसे या फफूंदी दाग वाले बेरीस् ना चुने। बेरी पर चमकीली चाँदी जैसी परत अच्छा संदेह है क्योंकि यह बेरी को प्राकृतिक तरह से संगह्र करता है।
ऐसे बेरी ना खरीदें जिनके उपर आपको पानी का छिड़काव या अन्य स्प्रै का छिड़काव दिखे, क्योंकि ऐसा उन्हें ताज़ा दिखाने के लिए किया जाता है। पैक की हुई बेरी खरीदते समय, पैकेट की जाँच कर लें। दाग लगे या लीक होने वाले डब्बे इस बात का संकेत है कि उसमें फल खराब हो चुके हैं।
ब्लूबेरी से जैम या ज्यूस बनाया जा सकता है। फल के पेक्टिन और ब्लूबेरी से बना जैम बेहद मशहुर है। इसके अलावा, ब्लूबेरी का प्रयोग पाई, केक, मफिंन, जैम और जैली में किया जाता है।इसे हवा बद डब्बे में रखकर फ्रिज में रखें। संग्रह करने से पहले उन्हें पानी से ना धोऐं, क्योंकि उनकी सतह पर पानी इन्हें जल्दी खराब कर देता है। फ्रिज में रखने से इन्हें लगभग 2 हफ्तों तक रखा जा सकता है।