HOMEMADE REMEDIES FOR PNEUMONIA । निमोनिया के घरेलू उपचार के बारे में जानिए

HOMEMADE REMEDIES FOR PNEUMONIA :- निमोनिया एक खतरनाक बीमारी है और अगर इससे तुरंत ना लड़ा जाए तो, यह फेफड़ों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आपको या आपके परिवार में किसी को निमोनिया है तो आप नीचे दिये गए कुछ आसान से घरेलू नुस्‍खों का प्रयोग कर सकते हैं।निमोनिया फेफड़ों में असाधारण तौर पर सूजन आने के कारण होता है। इसमें फेफड़ों में पानी भी भर जाता है।

आमतौर पर निमोनिया कई कारणों से होता है जिनमें प्रमुख हैं बैक्टीरिया, वायरस, फंगी या अन्य कुछ परजीवी। इनके अलावा कुछ रसायनों और फेफड़ों पर लगी चोट के कारण भी निमोनिया होता है।फेफड़े में प्रदाह होने की हालत को न्यूमोनिया का नाम दिया गया है| यह एक गंभीर ज्वर है| इसमें यथाशीघ्र डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी रहता है| यदि ऐसा नहीं किया जाता तो मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है|

न्यूमोनिया (ठंड का ज्वर) का कारण :- मलेरिया रोग फेफड़ों में ठंड लगने के बाद उसमें सूजना आ जाने से होता है| ऐसे में रोगी को सांस लेने में अपार कष्ट होता है| धीरे-धीरे कफ बनना शुरू हो जाता है जो फेफड़ों में जम जाता है| यदि दोनों तरफ के फेफड़ों में सूजन आ जाती है तो उसे ‘डबल न्यूमोनिया’ कहते हैं|

न्यूमोनिया (ठंड का ज्वर) की पहचान :- इस रोग में तेज बुखार आता है| पसलियों में दर्द होता है| सिर में दर्द, पैरों में दर्द, छाती में हल्का दर्द, बेचैनी, प्यास अधिक लगना, जीभ का सूख जाना, श्वास लेने में तकलीफ, खांसी आदि न्यूमोनिया के प्रमुख लक्षण हैं|

न्यूमोनिया (ठंड का ज्वर) के घरेलु नुस्खे इस प्रकार हैं :- तारपीन और कपूर :- तारपीन के तेल में थोड़ा-सा कपूर मिलाकर रोगी की छाती तथा पसलियों पर मलने से उसे पूर्ण आराम मिलता है|

तुलसी, कालीमिर्च और सेंधा नमक :- थोड़े-से तुलसी के पत्ते और आठ-दस कालीमिर्च एक कप पानी में औटाएं| जब पानी आधा रह जाए तो छानकर जरा-सा सेंधा नमक डालकर पिएं|

शहद और पानी :- रोगी की छाती तथा पसलियों पर शुद्ध शहद का लेप लगाएं| शहद पानी में मिलाकर पिलाने से भी रोगी को काफी लाभ पहुंचता है|

गरम पानी :- यदि बच्चे की पसलियां चल रही हों तो रत्ती भर हींग गरम पानी में घोलकर उसे पिलाएं|

अदरक, तुलसी और शहद :- अदरक तथा तुलसी का रस शहद में मिलाकर रोगी को दिन में तीन-चार बार चटाएं|

मुन्नका और हींग :- दो मुनक्कों में रत्ती-रत्ती भर हींग भरकर रोगी को नित्य दो बार तीन-चार दिनों तक खिलाएं|

आंवला, जीरा, पीपल, कौंच, हरड़ और शहद :- आंवला, जीरा, पीपल, कौंच के बीज और हरड़ – सभी 10-10 ग्राम लेकर कूट-पीसकर कपड़छन कर लें| इसमें से 4-4 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करें|

तेजपात, इलायची और कपूर :- तेजपात, बड़ी इलायची और कपूर का काढ़ा बनाकर सुबह-शाम पिएं|

तुलसी, सोंठ, कालीमिर्च और काला नमक :- तुलसी के पत्ते, सोंठ, कालीमिर्च तथा काले नमक की चटनी बनाकर सुबह-शाम खाएं|

न्यूमोनिया (ठंड का ज्वर) में क्या खाएं क्या नहीं :- न्यूमोनिया के रोगी को घी-तेल की चीजें खाने को न दें| उनकी जगह सूखी रोटी, मूंग की दाल, तरोई, टिण्डे, लौकी चौलाई, मेथी, पालक आदि की उबली हुई सब्जियां दें| गेहूं की रोटी मोटे आटे की बनाकर खिलाएं| दोपहर को गाय के दूध में अदरक डालकर दें|

पानी उबला हुआ देना चाहिए| रोगी को निर्देश दें की वह पानी एक साथ न पीकर घूंट-घूंट पिए| भोजन के बाद उसे आठ-दस कदम अवश्य चलाएं| दूध में चीनी की जगह गुड़ या शहद प्रयोग करें| खटाई, मिठाई, तरबूज, अमरूद, सेब, केला आदि का सेवन न करें| पपीते का रस पी सकते हैं|

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