HOMEMADE REMEDIES FOR HERPES :- दाद, खाज, खुजली एक गंभीर चर्म रोग है। यदि समय से इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो यह त्वचा पर अपनी जड़ें जमा लेता है और कितना भी एंटी फ़ंगल क्रीम लगाएं, ठीक होने के कुछ दिन के बाद पुन: हो जाता है। खासतौर से गुप्तांगों के आसपास यह तेज़ी से फैलता है।
जब दाद के बाद काले निशान पड़ जाते हैं तो उसे एक्ज़िमा कहते हैं।दाद छूत का रोग है| यह रोगी व्यक्ति के कपड़ों तथा वस्तुओं को छूने मात्र से ही हो जाता है| यह शुरू में धीरे-धीरे लेकिन कुछ दिनों बाद बड़ी तेजी से फैलता है|
दाद का कारण :- दाद की उत्पत्ति एक तरह की फफूंदी के कारण मानी गई है| इस रोग के रोगाणु रोमकूपों के भीतर प्रवेश करके चरम को प्रभावित करते हैं| यह पैरों, हाथों, कुहनी, जांघ तथा दाढ़ी में बड़ी जल्दी फैलता है|
दाद की पहचान :- शुरू में यह छोटे से चकत्ते के रूप में दिखाई देता है| इसका रंग लाल होता है| लेकिन धीरे-धीरे यह मटमैला हो जाता है| इसमें खुजली होती है| खुजली के बाद जलन भी पड़ती है|
दाद के घरेलु नुस्खे इस प्रकार हैं :- गुलकंद, गुलाब और दूध :- गुलकंद या गुलाब के फूलों को बताशे में मिलाकर दूध के साथ पी जाएं|
पपीता :- कच्चे पपीते का दूध दाद के लिए रामबाण है|
नौसादर और नीबू :- थोड़ा-सा नौसादर पीसकर उसमें नीबू मिला लें| इसके बाद दाद पर कुछ दिनों तक नित्य लगाएं|
गुलाब और नीबू :- गुलाब के फूलों के अर्क में नीबू का रस मिलाकर लगाने से कुछ दिनों में दाद ठीक हो जाता है|
सुहागा, जायफल और नीबू :- सुहागा, जायफल व गंधक – तीनों पीसकर नीबू के रस में मिलाकर लगाएं|
लहसुन :- लहसुन के रस को दाद पर लगाने से काफी लाभ होता है|
अनार :- पुराने दाद पर अनार के पत्तों को पीसकर लगाएं|
अमलतास :- अमलतास के पत्तों को पीसकर दाद पर लेप करने से कुछ दिनों के भीतर दाद चला जाता है|
बबूल :- बबूल के फूलों को सिरके में पीसकर दाद पर लगाएं|
करेला :- करेले का रस दाद पर लगाने से दाद चला जाता है|
चाय :- चाय की पत्तियों को दाद पर रगड़ना चाहिए|
कालीमिर्च और देशी घी :- कालीमिर्च को पीसकर देशी घी में मिलाकर दाद पर लगाएं|
मूली और गंधक :- मूली के बीज पीसकर गंधक के घोल में मिलाकर दाद पर लगाएं|