HOMEMADE REMEDIES FOR COUGH । खांसी के घरेलू उपचार के बारे में जानिए

HOMEMADE REMEDIES FOR COUGH :- खांसी यूं तो एक सामान्‍य बीमारी है, लेकिन यह तकलीफ बहुत देती है। इसे दूर करने के लिए बाजार में मिलने वाली दवायें आपको उनींदा बना सकती हैं। इसलिए आप कुछ कारगर घरेलू उपाय भी आजमा सकते हैं। खांसी किसी भी समय हो सकती है। वैसे तो सर्दी, खांसी, सिरदर्द, जुकाम जैसी कुछ बीमारियां होती हैं जिनके इलाज के लिए हम चिकित्सक के पास जाने से बचते हैं। खांसी की समस्या होने पर आप सुकून से कोई काम नहीं कर सकते हैं। खांसी किसी भी वजह से हो सकती है।

बदलता मौसम, ठंडा-गर्म खा या पी लेना या फिर धूल या किसी अन्यी चीज से एलर्जी के कारण। सूखी खांसी होने पर ज्यादा तकलीफ होती है।खांसी अपने आप में कोई रोग नहीं नहीं वरन् यह दूसरे रोगों का लक्षण मात्र है| खांसी पांच प्रकार की होती है – तीन प्रकार की खांसी वात, पित्त और कफ के बिगड़ने से, चौथी कीड़ों में उत्पन्न होने से और पांचवीं टी.बी. रोग से|

यदि खांसी का इलाज समय पर नहीं किया जाता तो यह जीर्ण या स्थायी बन जाती है| सूखी खांसी में दूध-घी के सेवन से कोई हर्ज नहीं है किन्तु यदि बलगमी खांसी है तो कफ बनाने वाली चीजें खानी चाहिए| यदि खांसी के साथ कब्ज भी हो तो सबसे पहले उसे दूर करने की कोशिश करनी चाहिए| इसके लिए पेट साफ़ करने वाली दवा ली जा सकती है| सनाय की पत्तियों का चूर्ण पेट साफ करने के लिए देती थीं| एरंड का तेल भी पेट साफ कर देता है|

खांसी का कारण  :- खांसी का रोग प्राय: सर्दी, न्यूमोनिया, तपेदिक (टी.बी.), दमा, ब्रोंकाइटिस तथा जिगर की खराबी से हो जाता है| वायु नली में कब्ज या ठंडी हवा लगने आदि के कारण कफ बन जाता है| धुआं, धूल आदि के गले में चले जाने से भी स्नायुओं में गड़बड़ी हो जाती है और खांसी बन जाती है| यह रोग गले तथा फेफड़ों के विकारों से होता है| ठंड लगने पर पहले जुकाम की शिकायत होती है और जुकाम निकलते ही खांसी को दौर शुरू हो जाता है| छाती में जमा कफ बाहर निकालने के लिए खांसना पड़ता है|

खांसी की पहचान :- सूखी खांसी में कफ नहीं निकलता| इसमें रोगी की छाती पर जकड़न होती है| लेकिन यदि खांसी तर है तो खांसने के बाद बलगम निकलता है| जब तक बलगम या कफ बाहर नहीं निकल जाता, तक तक चैन नहीं मिलता| यदि खांसी की अवधि लम्बी रहती है तो उसे काली खांसी कहते हैं|

खांसी के घरेलु नुस्खे इस प्रकार हैं :-अदरक और शहद :- अदरक को कुचलकर एक चम्मच रस निकाल लें| फिर उसमें थोड़ा-सा शहद मिलाकर सुबह-शाम चाटने से हर प्रकार की खांसी में आराम मिलता है|

आंवला और शहद :- एक चम्मच आंवले के चूर्ण में शहद मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से भी खांसी में लाभ होता है|

मौसमी, जीरा, सोंठ और गरम पानी :- चार चम्मच मौसमी के रस में आधा कप गरम पानी मिलाएं| फिर उसमें जीरा तथा सोंठ का चूर्ण आधा-आधा चम्मच मिलाकर पी जाएं|

मक्का, सेंधा नमक और गरम पानी:- मक्के का भुट्टा जलाकर उसकी राख पीस लें| फिर उसमें जरा-सा सेंधा नमक मिलाएं| उसे रोज आधे चम्मच की मात्रा में गरम पानी के साथ दिन में चार बार लें|

नीम और शहद :- नीम की पत्तियों को सुखाकर चूर्ण बना लें| चौथाई चम्मच चूर्ण शहद के साथ सेवन करें|

पीपल और शहद :- पीपल के पेड़ के तने की छाल सुखाकर पीस लें| फिर आधा चम्मच चूर्ण में शहद मिलाकर दिन में तीन बार चाटें|

लहसुन और शहद :- लहसुन का रस आधा चम्मच शहद के साथ सेवन करें|

देशी घी और सेंधा नमक :- देशी घी में सेंधा नमक मिलाकर छाती पर धीरे-धीरे मलें| सारा बलगम निकल जाएगा|

दूध, खांड़ और पीपल :- सूखी खांसी दूर करने के लिए दूध में पांच पीपल का चूर्ण डालकर गरम करें| फिर उसमें खांड़ डालकर सुबह-शाम पिएं| यह कुकुर खांसी के लिए भी उपयोगी नुस्खा है|

गेहूं और पानी :- चार चम्मच गेहूं की छानन एक कप पानी में औटाएं| आधा कप रह जाने पर छानकर पी लें|

अनार, लौंग और शहद :- अनार का छिलका सुखाकर पीस लें| इसमें लौंग का चूर्ण आधा चम्मच मिलाएं| नुस्खे को आधे चम्मच की मात्रा में शहद के साथ सुबह-शाम चाटें|

चना, फिटकिरी और गरम पानी :- ने की दाल के बराबर फिटकिरी का सेवन गरम पानी से नित्य दो बार करने पर कुकुर खांसी जाती रहती है|

कालीमिर्च, अदरक, तुलसी और लौंग :- कालीमिर्च, अदरक, तुलसी के पत्ते तथा लौंग की चाय बनाकर सुबह-शाम पिएं| इससे खांसी, सर्दी, जुकाम व सिर का दर्द ठीक हो जाता है|

पान और अजवायन :- सादे पान के पत्ते पर चौथाई चम्मच अजवायन रखकर पान को धीरे-धीरे चूसें| अवश्य लाभ होगा|

इलायची और शहद :- छोटी इलायची भूनकर चूर्ण बना लें| दो रत्ती चूर्ण शहद के साथ लें|

मकोय :- मकोय का साग पकाकर खाने से कुछ दिनों में खांसी चली जाती है|

ग्वारपाठा, कालीमिर्च, सोंठ और शहद:- ग्वारपाठे का रस आधा चम्मच, चौथाई चम्मच पिसी हुई कालीमिर्च तथा चौथाई चम्मच सोंठ – सबको शहद में मिलाकर सुबह-शाम चाटें|

हल्दी, पानी और नमक :- आधा चम्मच पिसी हुई हल्दी को पानी में डालकर उबाल लें| फिर आधा कप उक्त पानी में जरा-सा नमक डालकर सेवन करें|

सरसों :- गुदा में दिन में चार बार सरसों का तेल लगाने से खांसी ठीक होती है|

आम और शहद :-आम की गुठलियों का रेशा जलाकर भस्म बना लें| एक चम्मच भस्म शहद में मिलकर कुछ दिनों तक सुबह-शाम सेवन करें|

केला और शहद :- केले के पत्तों को सुखाकर भस्म बना लें| आधा चम्मच की मात्रा में वह भस्म शहद के साथ सेवन करें|

कालीमिर्च, मुलहठी और गुड़ :- 5 ग्राम कालीमिर्च और 5 ग्राम मुलहठी – दोनों को पीसकर चूर्ण बना लें| इस चूर्ण को गुड़ में मिलाकर खाएं|

लौंग और पानी :- चार लौंगो को आधा कप पानी में उबालें| जब पानी चौथाई कप रह जाए तो छानकर सुबह-शाम पिएं|

खजूर :- खजूर खाने से सूखी खांसी दूर हो जाती है|

अमरूद और शहद :- अमरूद के पत्तों को जलाकर भस्म बना लें| चौथाई चम्मच भस्म शहद में मिलाकर दिन में तीन बार चाटें|

बबूल :- बबूल की छाल का काढ़ा बनाकर पीने से खांसी गायब हो जाती है|

कपूर और गुड़ :- एक रत्ती कपूर को गुड़ में मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करें|

शलजम :- पुरानी खांसी दूर करने के लिए शलजम की सब्जी कुछ दिनों तक सुबह-शाम लगातार खाएं|

बकरी दूध और हल्दी :- बकरी के दूध में एक चम्मच पिसी हल्दी मिलाकर सुबह-शाम पिएं|

खांसी में क्या खाएं क्या नहीं :- खांसी के रोग में ठंडे एवं कड़वे पदार्थ जैसे मेथी, करेला, नीबू, सेब आदि न खाएं| खीर, मक्का की रोटी, चावल, चने, लोबिया आदि का सेवन भी न करें| अनार, संतरा, नाशपाती आदि भी नहीं खाना चाहिए| वैसे कुछ ठंडी चीजों में पपीता, आंवले का रस (बहुत कम मात्रा में), प्याज का रस, लहसुन, मुरब्बा, गुलकंद आदि लाभकारी हैं|

सामान्य रूप से मसूर व अरहर की दाल, चपाती, शलजम, गाजर, चाय आदि लेनी चाहिए| भूख से एक रोटी कम खाएं| दिनभर गुनगुना पानी पिएं| दूध, दही, रबड़ी, बंगाली या खोए की मिठाई नहीं खानी चाहिए| मांस, मछली, अंडा आदि से भी परहेज रखें| भोजन पौष्टिक तथा सुपाच्य होना चाहिए| रात को सोते समय पैर के तलवों पर सरसों का तेल मलें| इससे नींद भी अच्छी जाएगी और खांसी में भी आराम मिलेगा|

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