Home Remedies for Methi Vegetables: मेथी दाना एक पौष्टिक खाद्य, स्फूर्तिप्रदायक एवं रक्त शोधक टॉनिक है। मेथीदाना पाचन क्रिया में लाभदायक है। मेथी की चाय तेज बुखार में राहत देती है ताजी मेथी के बने पेस्ट को लगाने से मुहाँसे दूर होते हैं एवं फोड़े—फुन्सी पर पुल्टिश बाँधने से लाभ होता है। मेथी के ताजे पत्तों को पीसकर सिर पर लगाने से बाल मुलायम होते हैं। रात को सोने के पूर्व पत्तों का पेस्ट चेहरे पर लगाने से चेहरे का रंग साफ होता है।
मेथी में फॉस्फोरस, लेसोटिन एवं एलबुमिन, आयरन व कैल्सियम पाया जाता है। मेथी में कैल्सियम के कारण इसके सेवन से महिलाओं के स्तन में दूध की मात्रा बढ़ती है। मेथी के प्रयोग से गले की खरास भी दूर होती है एवं मेथी से तैयार काफी में केफीन के हानिकारक प्रभाव नहीं होते हैं जिस प्रकार हम फ्लश सिस्टम को लेट्रीन ब्रुश से रगड़कर साफ करते हैं ठीक उसी प्रकार मेथीदाना हमारे पेट में जाकर गलेगा, फूलेगा एवं चिकनाई के कारण हमारे पेट की आँतों को रगड़—रगड़कर जमे हुए मल को निकालेगा एवं मल गुठलियाँ भी नहीं बनने देगा।
मेथी दाना हमारे पेट को साफ करके कब्ज को दूर करेगा। मेथीदाना हमारे शरीर के अन्दर के किसी भी भाग की टूटी हुई हड्डी तक को जोड़ने की सामर्थ्य रखता है एवं हाथ—पैर के एक—एक जोड़ ठीक करता है। मेथीदाना का नित्य प्रतिदिन सेवन करने वाले व्यक्ति के पास सौ साल तक भी निम्न प्रकार के रोग नहीं होंगे| लकवा, पोलियो, निम्न एवं उच्च रक्तचाप, शुगर, गठियावात, गैस की बीमारी, हड्डी के बुखार, बवासीर एवं जोड़ों का दर्द इत्यादि ।
भारतीय घरों में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाला मैथीदाना पोषक तत्वों की खान है। मैथीदाने के अलावा, मैथी की भाजी भी घरों को उपयोग की जाती है। मैथी की भाजी में फायबर भरपूर होते हैं और पेट संबंधी तकलीफों में यह बहुत कारगर है। मैथी का इस्तेमाल पाचन तंत्र सुधारने में खासतौर पर किया जाता है। मैथी लीवर के कार्य करने की क्षमता को भी बढ़ाती है। मैथी के पत्तों से बने पेस्ट को सिर पर लगाने से बालों संबंधी समस्याओं से निजात मिलती है।
आयुर्वेद में मैथीदाने को बहुत ही खास स्थान दिया गया है। आयुर्वेद के अनुसार मैथीदाने में भोजन को पचाने वाली अग्नि को अधिक प्रभावी बनाने का गुण होता है जिससे पाचन तंत्र में सुधार आता है।शोधों के अनुसार मैथीदाने में एंटीडायबीटिक तत्व बहुतायत में होते हैं। मैथीदानों में पाए जाने वाले घुलनशील फायबर और अमीनों एसिड 4 के कारण इसमें में शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को कम करने का गुण होता है। सूजन और जलन कम करना भी मैथीदाने के अनगिनत गुणों में शामिल है।
जानिए मैथीदाने के खास 10 गुण
मैथीदानों में मधुमेह को नियंत्रित करने का गुण होता है। डायबीटिज (मधुमेह) में बढने वाले ब्लड शुगर और लिपिड के स्तर को मैथीदाने के उपयोग से नियंत्रित किया जा सकता है। यह शरीर में इंसुलिन के स्त्राव को भी सुचारु बनाती है।
मैथीदाने में ह्र्दय को स्वस्थ रखने का गुण भी होता है। इनके उपयोग से शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर भी गिरता है। पानी में भीगे हुए मैथीदानों का दिन में दो बार सेवन करना चाहिए।
उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए मैथीदानों का प्रयोग बहुत कारगर है। मैथीदानों को सुआ {(Anethum sowa/ dill seeds} के दानों के साथ मिलाकर पाउडर बनाकर दिन में दो बार दो चम्मच लेना चाहिए।
मैथीदानों की तासीर गर्म होती है। इनका उपयोग सर्दी,खांसी, और थोड़े बुखार में भी किया जाता है। मैथीदानों को कुछ घंटों के लिए पानी में गलाकर रखना चाहिए। इस पानी का दिन में दो बार उबालकर सेवन करना चाहिए।
मैथीदानों का उपयोग डायरिया और दस्त लगने में बहुत कारगर है। मैथीदानों को भूनकर उनके पाउडर को दिन में दो से तीन बार शहद के साथ इस्तेमाल करना चाहिए।
अपनी गर्म तासीर के कारण के, मैथीदाने दमा रोगियों के लिए अत्यंत लाभकारी है। मैथीदानों को पानी में उबालकर, उनका पेस्ट बनाकर शहद के साथ दिन में दो बार एक माह तक लेने से दमे में आराम मिलता है।
गठिया रोगियों,जोडों में दर्द और सूजन जैसी तकलीफों में मैथीदानों के उपयोग से आराम मिलता है। 6 ग्राम मैथीदानों के पाउडर को दिन में दो बार उपयोग करने से जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है।
बालों से जुडी हुई हर प्रकार की समस्याओं से छुटकारे के लिए मैथीदानों का उपयोग बहुत कारगर है। मैथीदानों का पेस्ट को बालों पर लगाने से रुसी खत्म होती है और बाल झड़ना बंद हो जाता है साथ ही साथ नए बाल भी उगते हैं।
मैथीदानों के पाउडर से चेहरे पर नई चमक आती है। इससे चेहरे की गहराई तक सफाई होती है और चेहरा खिल उठता है।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए मैथीदानों का खास महत्व है। इससे दूध की कमी दूर होती है।
मैथीदानों के स्वस्थ्य संबंधी गुण अनगिनत हैं परंतु कुछ लोगों में इनके इस्तेमाल से विपरीत प्रभाव भी पड़ सकते हैं, खासतौर पर गर्भवती महिलाओं को इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।