Health Benefits of Cloves: लौंग की भारतीय खाने में खास जगह है। इसके उपयोग से खाने में स्वाद के साथ-साथ कुछ अहम गुण भी जुड जाते हैं। इसका उपयोग तेल व एंटीसेप्टिक रुप में किया जाता है। लौंग में आपके स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के कई गुण होते हैं। लौंग में होने वाला एक खास तरह का स्वाद इसमें होने वाले एक तत्व युजेनॉल की वजह से होता है, यही तत्व इसमें होने वाली एक खास तरह की गंध को पैदा करता है। हालांकि लौंग हर मौसम में हर उम्र के व्यक्तियों के लिए लाभदायक है पर सर्दी के मौसम में इसकी खास उपयोगिता है क्योंकि इसकी तासीर बहुत गर्म होती है। लौंग के तेल की तासीर काफी गर्म होती है और इस कारण इसे बहुत सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए। जब आप अपनी त्वचा पर इसे लगाएं तो सीधे तौर पर बिना किसी चीज़ के साथ मिलाए न लगाएं।
चाहे भोजन का जायका बढ़ाना हो या फिर दर्द से छुटकारा, छोटी सी लौंग को न सिर्फ अलग-अलग तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है बल्कि इसके फायदे भी अनेक हैं। साधारण से सर्दी-जुकाम से लेकर कैंसर जैसे गंभीर रोग के उपचार में लौंग का इस्तेमाल किया जाता है। इसके गुण कुछ ऐसे हैं कि न सिर्फ आयुर्वेद बल्कि होम्योपैथ व एलोपैथ जैसी चिकित्सा विधाओं में भी बहुत अधिक महत्व आंका जाता है।
लौंग | Cloves
हमारे देश में लौंग को मसालों का राजा माना जाता है| मसाले को स्थायी तथा खुशबूदार बनाने के लिए लौंग का प्रयोग किया जाता है| पान में भी लौंग डालकर खाया जाता है| इसके सेवन से गला खुल जाता है और छाती में जमा कफ बाहर निकल जाता है|यह पाचक, पित्त नाशक, कुछ उष्ण, वायु रोग नष्ट करने वाला, दमा, बुखार, अपच, हैजा, सिर दर्द, हिचकी और खांसी आदि रोगों को शान्त करने वाला है| स्त्रियां इसका उपयोग घरेलू चिकित्सा में करती हैं| आइए, हम भी लौंग के औषधीय गुणों की जानकारी प्राप्त करें|
खांसी (Cough)
लौंग, कालीमिर्च, अनार के छिलके और सोंठ – सभी बराबर की मात्रा में लेकर पीस लें| फिर शहद मिलाकर इस चूर्ण को दिन में तीन बार खाएं|
सिर दर्द (Headache)
लौंग को पानी में पीसकर माथे तथा दोनों कनपटियों पर लेप लगाने से सिर दर्द ठीक हो जाता है|
दांत दर्द ( Teeth Pain)
चार-पांच लौंग पीसकर पानी में डालकर उसे गरम कर लें| फिर इस पानी में कुल्ला करें| दाढ़-दांत के दर्द में लौंग का तेल लगाने से भी काफी आराम मिलता है|
जी मिचलाना ( Vomiting)
एक-दो लौंग मुंह में डालकर धीरे-धीरे चूसने से जी मिचलाना रुक जाता है|
बुखार ( Fever)
दो रत्ती की मात्रा में लौंग का चूर्ण गरम पानी से लेने पर बुखार उतर जाता है| इस चूर्ण का सेवन सुबह-शाम करें|
अपच और गैस ( Acidity – Gas)
दो लौंग पीसकर आधा कप पानी में डालकर अच्छी तरह खौला लें| फिर इस पानी को गुनगुने रूप में दिनभर में तीन बार पिएं|
गुहेरी
लौंग को पानी में घिसकर गुहेरी पर लेप करने से वह बैठ जाती है| इससे पलकों की सूजन भी दूर होती है|
अम्लपित्त
भोजन के बाद दो लौंग सुबह और दो शाम को मुंह में डालकर चूसें| कुछ ही दिनों में अम्लपित्त शान्त हो जाएगा|
खसरा
खसरा में दो लौंग का चूर्ण शहद के साथ दिन में तीन बार चटाएं| इससे बच्चे को बहुत आराम मिलता है|
दमा
लौंग, कालीमिर्च, सोंठ तथा अनार के छिलकों को समान मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर सेवन करें| यह छाती पर जमे हुए कफ को निकालता है और श्वास को स्वाभाविक बनाता है|
हैजा
एक गिलास पानी में दो लौंग का चूर्ण और दो चम्मच प्याज का रस मिलाकर रोगी को पिलाने से हैजे का रोग शान्त होता है|