कलौंजी के इन गुणों के बारे में क्या आप जानते है

देता है। अधिकतर कलौंजी के बीजों को ही औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। इसके बीजों में एक सेपोनिन नामक पदार्थ होता है। इसके बीजों में निजेलीन नामक कडुवा पदार्थ भी होता है।

* कलौंजी का तेल कफ को नष्ट करने वाला और रक्तवाहिनी नाड़ियों को साफ करने वाला होता है। इसके अलावा यह खून में मौजूद दूषित व अनावश्यक द्रव्य को भी दूर होता है। कलौंजी का तेल सुबह खाली पेट और रात को सोते समय लेने से बहुत से रोग समाप्त होते हैं। गर्भावस्था के समयस्त्री को कलौंजी के तेल का उपयोग नहीं कराना चाहिए इससे गर्भपात होने की सम्भावना रहती है।

* कलौंजी मूत्र लाने वाला, वीर्यपात को ठीक करने वाला और मासिक-धर्म के कष्टों को दूर करने वाला होता है।

विभिन्न भाषाओं में इसके नाम :-

हिन्दी में  कलौंजी या  मंगरैला कहते है

अंग्रेजी में स्माल फनेल

संस्कृत में इसे कलवंचिका, कालाजाजी

बंगाली में मुगरेला

गुजराती में  कलौंजी

मराठी में कलौंजी

लैटिन में नाइगेला सेटाइवा आदि नाम है …

आज इसका तेल केसे बनाया जाता है इसके बारे में भी आपको अवगत कराते है …

कलौंजी का तेल बनाने की विधि :-

250ग्राम कलौंजी पीसकर ढाई लीटर पानी में उबालें। उबालते-उबलते जब यह केवल एक लीटर पानी रह जाए तो इसे ठंडा होने दें। कलौंजी को पानी में गर्म करने पर इसका तेल निकलकर पानी के ऊपर तैरने लगता है। इस तेल पर हाथ फेरकर तब तक कटोरी में पोछें जब तक पानी के

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