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भोजन को पचाने में पपीता वरदान है

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*पपीते को पेट के लिए तो वरदान माना गया है। इसमें पेप्सिन नामक तत्व पाया जाता है, जो भोजन को पचाने में मदद करता है। पपीता का सेवन रोज करने से पाचन शक्ति में वृद्धि होती है। पका पपीता पाचन शक्ति को बढ़ाता है, भूख को बढ़ाता है, मोटापे को नियंत्रित करता है और अगर आपको खट्टी डकारें आती हैं तो पपीते का रस उसे भी बंद कर देगा। पके या कच्चे पपीते की सब्जी बना कर खाना पेट के लिए लाभकारी होता है।

* पपीता को गुणों की खान कहा गया है। यह आपके पेट का भी खयाल रखता है और त्वचा की खूबसूरती का भी। यह कई बीमारियों से दूर रखता है और इसका स्वाद भी बेजोड़ है।

* लगभग हर मौसम में सस्ते में ही मिल जाने वाला पपीता आपकी खूबसूरती में चार चांद लगाता है। कच्चे पपीते का दूध त्वचा रोग के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है। पपीते का प्रयोग लोग फेस पैक में भी करते हैं। त्वचा को ठंडक पहुंचाने वाला पपीता आंखों के नीचे के काले घेरे को दूर करता है। अगर आप कील-मुंहासों से परेशान हैं तो कच्चे पपीते के गूदे को शहद में मिलाकर चेहरे पर लगाएं और जब वह सूख जाए तो गुनगुने पानी से चेहरा धो लें। उसके बाद मूंगफली के तेल से हल्के हाथ से चेहरे पर मालिश करें। एक महीने तक नियमित रूप से ऐसा करने से आपको काफी लाभ होगा।

* पपीते का रस अरुचि, अनिद्रा, सिरदर्द, कब्ज व आंव-दस्त आदि रोगों को ठीक करता है। आपको भूख नहीं लगती या पेशाब ठीक से नहीं होता तो सुबह में नियमित रूप से पके पपीते का सेवन करें। इससे भूख भी लगने लगेगी और पेशाब से संबंधित समस्या भी दूर हो जाएगी। पपीते के रस के सेवन से खट्टी डकारें बंद हो जाती है। यह हृदय रोग, आंतों की कमजोरी आदि को भी दूर करता है।

* पपीते के पत्तों के उपयोग से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है और हृदय की धड़कन ठीक रहती है। यह पौरुष को बढ़ाता है, पागलपन को दूर करता है एवं वात दोषों को नष्ट करता है। अगर आप पपीता खाते रहते हैं तो आपको किसी कारण से होने वाला जख्म भी जल्द भरता है।

* पपीता कफ के साथ आने वाले खून को रोकता है और खूनी बवासीर को भी ठीक करता है। हृदय रोगियों के लिए भी पपीता काफी लाभदाक होता है। पपीते के दस बीज पानी में पीस कर चौथाई कप पानी में मिला कर पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं। इसका एक हफ्ते तक नियमित रूप से प्रयोग करना चाहिए। बच्चा मां के दूध पर निर्भर रहता है, लेकिन कई बार ऐसा देखने में आता है कि मां को पर्याप्त दूध नहीं होता, जिससे बच्चा भूखा रह जाता है। कच्चे पपीते की सब्जी खाने से मां के दूध में वृद्धि होती है।

* आप मोटे हैं या पाचनतंत्र में गड़बड़ी है या आपकी आंतें कमजोर हैं या भूख नहीं लगती है  एक अदद पपीता आपके ऐसे दजर्नों सवाल का जवाब है। जी हां, अपनी खानपान में पपीता को जगह दीजिए और फिर देखिए इसका कमाल। यह पेट का ख्याल तो रखेगा ही, आपके चेहरे पर चमक लाकर आपको खूबसूरत भी बनाएगा। इसमें मौजूद विटामिन ए, बी, डी, प्रोटीन, कैल्शियम, लौह आदि इसे सेहत का खजाना बना देते हैं। जिन लोगों का लक्ष्य अपना वज़न कम करना है उन्हें अपने आहार में पपीते को ज़रूर शामिल करना चाहिए क्योंकि इसमें कैलोरी बहुत कम होती है। पपीते में मौजूद फायबर एक और जहां आपको तारो-ताज़ा महसूस करवाता है वहीं आपकी आँत की मूवमेंट को ठीक रखता है जिसके फलस्वरूप वज़न घटाना आसान हो जाता है।

* आपका प्रतिरोधक तंत्र आपको बीमार कर देने वाले कई संक्रमणों के विरुद्ध ढाल का काम करता है। केवल एक पपीते में इतना विटामिन सी होता है जो आपके प्रतिदिन की विटामिन सी की आवश्यकता का 200 प्रतिशत होता है। ज़ाहिर तौर पर ये आपके प्रतिरोधक तंत्र को मज़बूत करता है।

* पपीता मधुमेह रोगियों के लिए आहार के रूप में एक बेहतरीन विकल्प है क्योंकि स्वाद में मीठा होने के बावजूद इसमें शुगर नाम मात्र का होता है। साथ ही, वे लोग जो मधुमेह के मरीज़ नहीं हैं, इसे खाकर मधुमेह होने के खतरों को दूर कर सकते हैं।

* पपीते में विटामिन ए भी प्रचुर मात्रा में होता है जो आपके आँखों की रोशनी को कम होने से बचाता है। कोई भी व्यक्ति उम्र बढ़ने की वजह से आँखों की रोशनी से मरहूम नहीं होना चाहता, और पपीते को अपने आहार में शामिल करके आप ऐसी मुसीबत से बच  सकते हैं।पपीते में मौजूद केरोटिन आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए नियमित रूप से पपीता खाना चाहिए।

* गठिया वास्तव में एक ऐसी बीमारी है जो शरीर को बेहद दुर्बल तो करती ही है जीवनशैली को बुरी तरह प्रभावित भी करती है। पपीते खाना आपकी हड्डियों के लिए बेहद लाभकारी हो सकता है, इनमें विटामिन-सी के साथ-साथ सूजन-रोधी गुण होते हैं जो गठिया के कई रूपों से शरीर को दूर रखता है। एक अध्ययन के अनुसार विटामिन-सी युक्त भोजन न लेने वाले लोगों में गठिया का खतरा विटामिन-सी का सेवन करने वालों के मुकाबले तीन गुना होता है।

* आज के दौर में ऐसे खाने से मुंह मोड़ना जो आपके पाचन तंत्र के लिए बुरा हो, लगभग असंभव है। कई बार हम ऐसा भोजन करने को मजबूर होते हैं जो या तो जंक फ़ूड की श्रेणी में आता है या अधिक तेल में पका होता है। रोज़ एक पपीते का सेवन कभी-कभार खाए ऐसे भोजन के साइड-इफेक्ट को दूर रखता है क्योंकि इसमें फाइबर के साथ-साथ पपैन नामक एक एंजाइम होता है जो आपकी पाचन शक्ति को दुरुस्त रखता है।

* माहवारी के दर्द से गुज़र रही महिलाओं को अपने आहार में पपीता ज़रूर जोड़ना चाहिए क्योंकि पापिन नाम एंजाइम माहवारी के दौरान रक्त के प्रवाह को दर्द से दूर रखता है।

* हम सब हमेशा जवान रहना चाहते हैं पर कोइ भी ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पाया है। फिर भी, स्वास्थय वर्द्धक आदतों जैसे एक पपीता रोजाना, की मदद से आप अपनी उम्र के मुकाबले अधिक युवा दिख सकते हैं। पपीते में विटामिन सी, विटामिन ई और बीटा-कैरोटीन सरीखे एंटी-ऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में होते हैं जो आपकी त्वचा को झुर्रियों से दूर रखते हैं।

* पपीते में एंटी-ऑक्सीडेंट, phytonutrients और flavonoids प्रचुर मात्रा में होते हैं जो आपकी कोशिकाओं को कश्ती पहुँचने नहीं देते। कुछ अध्ययनों ने पपीते के सेवन से कोलन और प्रोस्टेट कैंसर के खतरे के कम होने की पुष्टि भी की है। जो लोग नियमित रूप से पपीते का सेवन करते हैं उन्हें कैंसर का खतरा कम रहता है।

* पूरे दिन टूटकर काम करने के बाद घर लौटने पर अगर एक प्लेट पपीते खा लिए जाएं तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। इस कमाल के फल में आपको तनाव से दूर रखने की ताकत है। युनिवार्सिटी ऑफ़ अलाबामा के एक अध्ययन के मुताबिक़ 200 mg विटामिन सी स्ट्रेस हारमोन को संचालित करने में सक्षम होता है। पपीते में यह प्रचुरता में उपलब्ध होता है।

* वैसे तो पपीता बहुत भी फायदेमंद फल है लेकिन कुछ बीमारियों और स्थितियों में पपीता नहीं खाना चाहिए। जैसे गर्भवती महिला को पपीता नहीं खाना चाहिए। विशेष परिस्थितियों में चिकित्सक से परामर्श लेकर ही पपीता खाना चाहिए।

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