Tantra Mantra Totka for Eductaion पढाई में मन लगाने के अचूक उपाय
अधिकतर पढाई करने के बाद सन्तान की नौकरी और व्यवसाय की चिन्ता हर माता पिता को होती है, बच्चे जवानी और अपनी उमंग के कारण उन्हे कौन से क्षेत्र में जाना है, उसे भूल जाते है, और दूसरों की देखा देखी अपनी वास्तविक नोलेज को भूलकर दूसरों के चक्कर में पड कर अपने को बरबाद कर लेते है, जब वे अपनी योग्यता को नहीं दिखा पाते है तो वे गलत कार्यों की तरफ बढ जाते है, और उनका जीवन जो सहज रास्ते पर जा रहा था वह कठिनाइयों की तरफ चला जाता है, दिग्भ्रम हो जाने पर लाख कोशिश करनेपर भी बच्चे अपनी जगह पर वापस नही आ पाते है और आते है तब तक उनका बहुमूल्य समय बरबाद हो गया होता है।
सबसे पहले अपने बच्चे को सही रास्ते पर लाने के लिये या वह कहीं गलत रास्ते पर तो नही जा रहा है का ध्यान उसी प्रकार से रखना चाहिये जैसे एक माली अपने पेड को संभालता है, कब उसे पानी देना है कब उसमें खाद देनी है। कही जंगली जानवर उस पेड को खत्म तो नही कर रहा है,कहीं कोई बीमारी पेड को तो नही लग रही है, कहीं कोई खरपतवार उस पेड के साथ तो नही उग रहा है। जो उस पेड को दी जाने वाली खाद पानी को पेड तक पहुंचने ही नही देना चाहता हो आदि बातें ध्यान मेंरखने पर बच्चे को सही दिशा तक ले जाया सकता है। बच्चे को सही रास्ते पर ले जाने के लिये वैदिक रूप से कुछ उपाय बताये गये है।