कौन थे महाभारत के खलनायक? जानें

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आमतौर पर खलनायक एक ऐसा बुरा व्यक्ति होता है जिसमें आम मानवीय भावनाएं नहीं होती हैं। वह धर्म-विरुद्ध आचरण करता है और अपनी शक्ति का दुरुपयोग करके अपने हितों की रक्षा कर अपने तरीके से जीवन या चीजों को संचालित करता है। उपरोक्त लिखी हुई बातों को ध्यान रखेंगे तो आपको पता चलेगा कि कौन खलनायक हो सकते हैं

कुरुक्षेत्र में लड़ा गया महाभारत का युद्ध भयंकर युद्ध था। इससे भारत का पतन हो गया। इस युद्ध में संपूर्ण भारतवर्ष के राजाओं के अतिरिक्त बहुत से अन्य देशों के राजाओं ने भी भाग लिया और सब के सब वीरगति को प्राप्त हो गए। लाखों महिलाएं विधवा हो गईं। इस युद्ध के परिणामस्वरूप भारत से वैदिक धर्म, समाज, संस्कृति और सभ्यता का पतन हो गया। इस युद्ध के बाद से ही अखंड भारत बहुधर्मी और बहुसंस्कृति का देश बनकर खंड-खंड होता चला गया।

अब सवाल यह उठता है कि आखिर कौन इस युद्ध का जिम्मेदार था और कौन इस युद्ध का सबसे बड़ा खलनायक था? आलोचक कहते हैं कि पांडवों ने संपूर्ण युद्ध छलपूर्वक जीता और जो जीतता है इतिहास उसे ही नायक मानता है। ऐसे में यह कैसे तय होगा कि नायक कौन और खलनायक कौन?

महाभारत युद्ध में सबसे बड़ा खलनायक कौन था? सभी इसका जवाब या तो शकुनि देंगे या फिर दुर्योधन। हो सकता है कि कुछ लोग धृतराष्ट्र या दु:शासन का नाम ले या यह भी हो सकता है कि कुछ लोग कर्ण या भीष्म का नाम लें। आओ हम जानते हैं… कौन था सबसे बड़ा खलनायक… यह जानने से पहले कौन कौन शामिल थे युद्ध में…

युद्ध मेंशामिल थे

*कौरवों की ओर से : कौरवों की ओर से दुर्योधन व उसके 99 भाइयों सहित भीष्म, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, कर्ण, अश्वत्थामा, मद्रनरेश शल्य (श्रीराम की 50वीं पीढ़ी में शल्य हुए), भूरिश्रवा, अलम्बुष, कृतवर्मा कलिंगराज श्रुतायुध, शकुनि, भगदत्त, जयद्रथ, विन्द-अनुविन्द, काम्बोजराज सुदक्षिण और बृहद्वल युद्ध में शामिल थे।

*पांडवों की ओर से : पांडवों की ओर से युधिष्ठिर व उनके 4 भाई भीम, नकुल, सहदेव, अर्जुन सहित सात्यकि, अभिमन्यु, घटोत्कच, विराट, द्रुपद, धृष्टद्युम्न,

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