क्रिटिक रेटिंग : 2/5
डायरेक्टर : राम गोपाल वर्मा
स्टार कास्ट : संदीप भारद्वाज, ऊषा जाधव, सचिन जोशी और लीजा रे
प्रोड्यूसर : रैना सचिन जोशी
म्यूजिक डायरेक्टर : जीत गांगुली, जॉन स्टीवर्ट एडुरी
जॉनर : ड्रामा
अरसे बाद डायरेक्टर रामगोपाल वर्मा ने हिंदी फिल्म का डायरेक्शन किया है, जो फेमस डाकू ‘वीरप्पन’ की जिंदगी पर बेस्ड है। ‘शूल’ के लिए बेस्ट फिल्म का नेशनल अवार्ड जीत चुके डायरेक्टर रामगोपाल वर्मा ने इस बार साउथ के कुख्यात डाकू ‘वीरप्पन’ के जीवन पर आधारित फिल्म बनाई है। फिल्म की कहानी फर्स्ट हाफ में काफी बिखरी-बिखरी सी नजर आती है।
लेकिन इंटरवल के बाद और आखिरी के 30 मिनट काफी सटीक हैं, जो वीरप्पन को पकड़ने के ऑपरेशन को बयान करते हैं।कहानी साल 2004 की है, जब कर्नाटक और तमिलनाडु के बॉर्डर पर वीरप्पन(संदीप भारद्वाज) का आतंक हुआ करता था। इस वजह से दोनों प्रदेशों की सरकारें बेहद परेशान थी। फिर एक ऑपरेशन के तहत पुलिस अफसर(सचिन जोशी) अपनी टीम के साथ वीरप्पन का घेराव करता है।
इसी दौरान वीरप्पन की पत्नी मुत्तुलक्ष्मी (उषा जाधव) और एक पुलिस अफसर की पत्नी प्रिया(लीजा रे) की भी एंट्री होती है। इस दौरान कहानी में कई ट्विस्ट आते हैं। वीरप्पन को मारने के लिए पुलिस का क्या प्लान करती है और उसे ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए किन दिक्कतों से गुजरना पड़ता है? जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
फिल्म का डायरेक्शन टिपिकल रामगोपाल वर्मा की स्टाइल में ही किया गया है। लाउड बैकग्राउंड म्यूजिक के साथ-साथ कहानी किसी भी तरफ घूमती जाती है। बिना डायलॉग्स के लंबे-लंबे शॉट्स, बहुत ज्यादा खून खराबा, ये सब कुछ देखने को मिलता है। कभी कैमरा, कार की स्टीयरिंग से, तो कभी कुर्सी के नीचे से शूट करता है।
एक्टर संदीप भारद्वाज ने वीरप्पन के रोल को बखूबी निभाया है। उनके हाव-भाव बता देते हैं कि कैसा रहा होगा वीरप्पन। वहीं, नेशनल अवॉर्ड विनिंग एक्ट्रेस उषा जाधव वीरप्पन की पत्नी के रोल में उम्दा लगी हैं। फिल्म में सचिन जोशी और लीजा रे की कास्टिंग काफी गलत दिखाई पड़ती है, इनकी जगह कोई और होता तो शायद फिल्म और भी ज्यादा रोमांचकारी हो जाती।
क्योंकि इन दोनों एक्टर्स से कनेक्ट होने में ऑडियंस को दिक्कत हो सकती है।प्रोमोशनल सॉन्ग ‘खल्लास’ फिल्म में नहीं है। बैकग्राउंड म्यूजिक काफी लाउड है। टाइटल ट्रैक फिल्म में समय-समय पर आता रहता है।यदि सिर्फ यह देखना चाहते हैं कि वीरप्पन को कैसे मारा गया था तो ही फिल्म देखने जाएं। या फिर टीवी पर आने का इंतजार कर सकते हैं।