रेटिंग : 3.5/5
स्टार कास्ट : शाहिद कपूर, दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह
डायरेक्टर : संजय लीला भंसाली
म्यूजिक : संजय लीला भंसाली, संचित बल्हरा
प्रोड्यूसर : संजय लीला भंसाली, सुधांशु वत्स, अजीत अंधारे
जॉनर : हिस्टोरिकल ड्रामा
डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की बहुप्रतीक्षित फिल्म पद्मावत की शुरुआत ढेर सारे डिस्क्लेमर्स के साथ होती है। इन डिस्क्लेमर में बार-बार स्पष्ट किया गया है कि फिल्म की कहानी का इतिहास से कुछ लेना-देना नहीं है। यह भी बताया गया है कि इसकी कहानी फेमस कवि मलिक मोहम्मद जायसी की काव्य रचना पद्मावत पर बेस्ड है।
पद्मावती (दीपिका पादुकोण) सिंघल राज्य की राजकुमारी है। उनकी खूबसूरती की चर्चा पूरे देश में होती है। एक दिन अचानक महारावल रतन सेन (शाहिद कपूर) की मुलाकात पद्मावती से होती है और वे उनसे प्यार करने लगते हैं। इसके बाद पद्मावती और पहले से शादीशुदा रतन सेन की शादी हो जाती है।
तब तक सबकुछ ठीक चलता रहता है,जब तक कि रतन सेन के दरवार से निकाला हुआ पुरोहित राघव चेतन दिल्ली के सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी (रणवीर सिंह) से नहीं मिलता।यह पुरोहित अलाउद्दीन खिलजी को रानी पद्मावती की खूबसूरती के बारे में बताता है और खिलजी पद्मावती को पाने के लिए मेवाड़ पर चढ़ाई कर देता है।
खिलजी छल से महारावल रतन सेन को बंदी बना लेता है और बदले में रानी पद्मावती की मांग करता है।हालांकि, खिलजी अपने मंसूबे में कामयाब हो पाता है या नहीं? आखिर कैसे महारानी पद्मावती जौहर का फैसला लेने को मजबूर होती हैं? ऐसे कई सवाल आपके जेहन में उठ रहे होंगे। लेकिन इनका जवाब जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
फिल्म में डायरेक्टर संजय लीला भंसाली की मेहनत साफ दिखाई देती है। उन्होंने जहां रानी पद्मावती की खूबसूरती को बखूबी दिखाया है तो वहीं,महारावल रतन सेन के पराक्रम और दरिंदे सुल्तान अलाउद्दीन खिलजी की क्रूरता को दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। फिल्म के हर फ्रेम में भंसाली का जादू देखने को मिलता है।
युद्ध सीक्वेंस से लेकर जौहर तक हर सीन को भंसाली विजुअली बहुत खूबसूरती से ट्रीट किया है।फर्स्ट हाफ में महारानी पद्मावती और महारावल रतन सेन के प्यार की कहानी को दिखाया गया है। हालांकि, सेकंड हाफ को जबर्दस्ती खींचा गया है।इसमें युद्ध के सीन काफी लंबे हैं। अलाउद्दीन खिलजी की सनक को काफी फुटेज दिया गया है। इससे कहानी की रफ्तार धीमी हो जाती है।
दीपिका पादुकोण पद्मावती के रोल में एकदम फिट बैठी हैं। उन्हें देखने के बाद लागत है कि कोई और इस रोल को उनसे बेहतर नहीं कर सकता था।महारावल रतन सेन के किरदार के साथ शाहिद कपूर ने पूरा न्याय किया है। कुछ सीन्स में उनके अंदर पिता पंकज कपूर की झलक दिखाई देती है। हालांकि,रतन सेन और पद्मावती के बीच की केमिस्ट्री उम्मीद पर खरी नहीं उतरती है।
रणवीर सिंह ने अलाउद्दीन खिलजी के किरदार को बखूबी निभाया है। हालांकि, कुछ समय बाद ऐसा लगता है, जैसे वे किरदार को निभाते-निभाते उसमें फंस गए हैं और ओवरएक्टिंग कर रहे हैं।जैसा कि भंसाली की फिल्मों से उम्मीद की जाती है, ‘पद्मावत’ का म्यूजिक भी जबर्दस्त है।
भंसाली ने संचित बल्हरा के साथ मिलकर बैकग्राउंड स्कोर तैयार किया है, जिसमें में राजस्थानी धुनें भी सुनने को मिलती हैं। फिल्म का घूमर सॉन्ग पहले ही हिट हो चुका है। बाकी गाने भी सुनने में अच्छे लगते हैं।यह फिल्म आपको जरूर देखनी चाहिए। फिल्म में आपको राजपूतों का शौर्य देखने को मिलेगा। रानी पद्मावती की खूबसूरती के साथ-साथ उनका पराक्रम भी आपको अचंभित करेगा।