यरवदा केंद्रीय जेल में सजा काट रहे अभिनेता संजय दत्त अब रेडियो जॉकी भी बन गए हैं.जेल में कैदियों के लिए रेडियो का प्रसारण होता है. संजय दत्त उसी रेडियो प्रसारण में तीन अन्य कैदियों के साथ ‘अब की फरमाइश’ नामक कार्यक्रम पेश करते हैं. संजय दत्त की रिहाई में अब करीब एक महीना ही बचा है.इस कार्यक्रम में कैदी अपने प्रिय साथी कैदियों के नाम गीत, शायरी या कविताएं समर्पित कर सकते हैं.
यरवदा केंद्रीय जेल में कुल 4,133 कैदियों को अंडा सेल समेत 30 बैरकों में रखा गया है. कैदियों को व्यस्त रखने और उनके मनोरंजन के लिए जुलाई 2015 में सैटेलाइट के जरिये जेल में आंतरिक रेडियो स्टेशन की स्थापना की गई थी.रोज सुबह 11 बजे से दोपहर दो बजे तक प्रसारित होने वाले इस कार्यक्रम की शुरुआत संजय दत्त ने मुन्नाभाई स्टाइल में ‘नमस्कार भाई लोग…’ संबोधन से की थी. अब वह रोज अपनी किसी फिल्म का एक डॉयलॉग इसके लिए चुनते हैं.
इस कार्यक्रम की योजना एक दिन पहले शाम को 6.30 बजे से आठ बजे के बीच बना ली जाती है. जेलर और जेल शिक्षक कार्यक्रम के गाइड की भूमिका में रहते हैं. जेल के एक अधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम के लिए फरमाइशें और सुझाव भेजने के लिए हर बैरक के बाहर ‘सुझाव पेटिका’ लगाई गई हैं.