पब्लिक रिर्पोट

“राजनीतिक वायरल ” क्या आप भी इसका का शिकार हैं ?

वायरल फीवर का नाम सुनते ही अच्छे अच्छों के छक्के माफ़ कीजिये पसीने छूट जाते हैं ! पिछले कई दशकों से हमें मलेरिया , डेंगू , चिकुन गुनिया , आई फ्लू  , स्वाइन फ्लू  आदि वायरल बीमारियों ने परेशान कर रखा है , जो भी इनकी गिरफ्त में आता है तो वो अपने साथ कईयों को अपनी चपेट में ले लेता …

Read More »

"राजनीतिक वायरल " क्या आप भी इसका का शिकार हैं ?

वायरल फीवर का नाम सुनते ही अच्छे अच्छों के छक्के माफ़ कीजिये पसीने छूट जाते हैं ! पिछले कई दशकों से हमें मलेरिया , डेंगू , चिकुन गुनिया , आई फ्लू  , स्वाइन फ्लू  आदि वायरल बीमारियों ने परेशान कर रखा है , जो भी इनकी गिरफ्त में आता है तो वो अपने साथ कईयों को अपनी चपेट में ले लेता …

Read More »

फव्वारा चौक का अन्ना ?

आदरणीय अन्ना अंकल, आपने भ्रष्टाचार  के खिलाफ जो आंदोलन छेड़ा उसका नतीज़ा यह हुआ कि आम आदमी अब सिर्फ नेताओं और कर्मचारियों को चोर मानने लगा है और उसे अपनी कोई भी कमी नज़र नहीं आती. अब  देखो न अंकल , औसत दूधिया दोनों समय पानी मिला कर दूध बेचता है और फिर भी  यह दावा करता है कि वह तो किसी तरह बच्चों का …

Read More »

पंचायत मतलब सबकुछ गलत क्यों?

कभी फरमानों तो कभी बेजा शोषण के अरमानों के लिए खाप पंतायतें अपने पाप के साथ चर्चाओं में रहती हैं। इसे लोकतंत्र का चरम कहिए या फिर अतिश्योक्ति। या यूं भी कह सकते हैं कि यह मौजूदा यूनिफॉर्म सिस्टम के खिलाफ एक अजीब सी आवाज भी है। हम यह भी जानते हैं कि गांधी के ग्राम सुराज की परिकल्पना इन्हीं …

Read More »

छोटे पड़ रहे कानून के हाथ

कहते हैं ‘कानून’ के हाथ बहुत लंबे होते हैं, लेकिन राज्य पुलिस के हाथ उन 57 हजार से ज्यादा ‘भगोड़ों’ तक नहीं पहुंच पा रहे, जो अरसे से न्यायालयों में वांछित हैं। इनके खिलाफ राज्य की अदालतों से विभिन्न श्रेणी के वारंट जारी हैं। इतनी बड़ी तादाद में कानून का उल्लंघन करने वाले लोग ‘बाहर’ हों तो चेन-ओ-अमन की कल्पना …

Read More »

जब हम ही कार्टून हैं तो फिर ….

सर्वप्रथम मैं आप सभी से माफ़ी चाहता हूँ ! मैं किसी को कार्टून नहीं कह रहा हूँ ! मैं तो सिर्फ उन लोगों को कार्टून कह रहा हूँ जिनकी हरकतें कार्टून के जैसी हैं ! सच कहूँ तो आज देश में स्थिती बहुत खराब है , किसी का कार्टून बनाना किसी को कार्टून कहना अपराध है ! अभी कुछ दिनों …

Read More »

पूरा न हो सका पूर्ण भारत का सपना

इतिहास गवाह है कि महात्मा गाँधी ,सुभाषचंद्र बोस,सरदार पटेल, लाल बहादुर शास्त्री, लाला लाजपत राय, रामप्रसाद बिस्मिल, भगतसिंह, राजगुरू, सुखदेव सरीखे देशभक्तों ने एक पूर्णतया आजाद भारत का सपना देखा और अंग्रेजों की गुलामी को नकारते हुए संघर्ष किया तथा शहादत दी। पूर्णतया आजाद भारत का मतलब एक ऐसा भारत जिसमें सभी समान हों। किसी भी तरह का भेदभाव न …

Read More »

संवेदनशील मसला है तो फिर इतनी बहस क्यों?

सेना की सेहत तो पहले ही सेना प्रमुख के घूस कांड ने नासाज कर रखी थी और अब केंद्र सरकार की जानकारी के बिना सेना की टुकड़ियों के दिल्ली कूच की छपी खबर ने सेना के लिए आईसीयू का दरवाजा खोलने का काम किया है। यह सब 16 जनवरी की उस तारीक को हुआ जिस दिन सेना प्रमुख ने अपनी …

Read More »

अब अनारकली भी डिस्को चली …

आप भले ही कभी पब या डिस्को में ना गए हों , किन्तु अब इतिहास के पन्नों से निकल कर ” सलीम “ की ” अनारकली “ अब डिस्को तक पहुँच गई है ! भले ही आपका टांका कभी किसी से भिड़ा हो या ना भिड़ा हो , किन्तु हमारी लैला , अरे भूल गए … अरे वही ” लैला -मजनूं “ वाली …

Read More »

क्या वाकई अखिलेश की इतनी तारीफ होनी चाहिए?

यूपी में समाजवादी पार्टी ने सत्ता का महासमर जीत लिया है और इस जीत के नायक बने हैं अखिलेश यादव. छह मार्च को आए चुनाव के नतीजों ने अखिलेश को हीरो बना दिया. तमाम मीडिया अचानक से उनका मुरीद हो गया. उनकी सादगी और मृदुभाषिता के चर्चे हर चैनल और अखबार की सुर्खियां बने नज़र आने लगे. कल तक के युवराज राहुल …

Read More »