आस्था

Jainism in the World – विश्व की दृष्टि में जैनधर्म

”महावीर स्वामी तो जैनों के आखिर के यानी 24 वें तीर्थं कर माने जाते हैं । उनसे हजारों साल पहले जैनविचार का जन्म हुआ था । ऋृगवेद में भगवान की प्रार्थना में एक जगह कहा है -‘ अर्हन इंद बयसे विश्त्रं अथवम् ”है अर्हन ! तुम जिस तुच्छ दिुनियाँ पर दया करते हो । इसमें ‘अर्हन’ और ‘दया’ दानों जैनों …

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Jainism History in Hindi – जैन धर्म का इतिहास

दुनिया के सबसे प्राचीन धर्म जैन धर्म को श्रमणों का धर्म कहा जाता है. जैन धर्म का संस्थापक ऋषभ देव को माना जाता है, जो जैन धर्म के पहले तीर्थंकर थे और भारत के चक्रवर्ती सम्राट भरत के पिता थे. वेदों में प्रथम तीर्थंकर ऋषभनाथ का उल्लेख मिलता है. माना जाता है कि वैदिक साहित्य में जिन यतियों और व्रात्यों …

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Black magic in India – काला जादू

भारत में अतीत काल से जादू, टोना, भूत प्रेत आदि की बातें होती आ रही हैं। यहां तंत्र विद्या को बहुत महत्‍वपूर्ण जाना जाता है, अशिक्षित वर्ग ज्‍यादातर इन बातों पर ज्‍यादा विश्‍वास करता है। कई लोग मानते है कि उनके जीवन पर काला जादू की वजह से काफी नकारात्‍मक प्रभाव पड़ा है। क्‍या वाकई में ये सच है या …

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Geeta Ke Updesh – गीता के उपदेश

श्रीमद् भगवत गीता ईश्वर की वाणीमय मूर्ति है भगवत गीता!  इसका अध्ययन हमारी मृत्यु को सँवारता है। श्रीगीता कृष्ण की वांग्मय मूर्ति है! भगवान् वाणी के रूप में गीता के श्लोकों में बसते हैं। भगवान् ने महाभारत युद्ध से पहले, जब अर्जुन को मोह व्याप्त हो गया था, तब गीता का उपदेश दिया था। यह उपदेश कुरुक्षेत्र के मैदान में …

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