आस्था

क्या आपको पता है नारियल को माना गया है माता लक्ष्मी का स्वरूप ?

नारियल इस धरती के सबसे पवित्र फलों में से एक है. इसलिए इस फल को लोग भगवान को चढ़ाते हैं. या फिर कोई भी मंगल कार्य हो उसमें नारियल का फोड़ा जाता है. हिंदू परंपरा में नारियल सौभाग्य और समृद्धि की निशानी होती है. नारियल भगवान गणेश को चढ़ाया जाता है और फिर प्रसाद के रूप में बांटा जाता है. …

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जानिए क्या है धनतेरस की सही तिथि और पूजन विधि

दीपावली पांच दिनों का त्योहार है. इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस के साथ होती है. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है. धनतेरस को धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन सोना, चांदी और पीतल की वस्तुएं खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. धनतेरस क्यों मनाया जाता है :- धनतेरस के …

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सुहागिन महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य का व्रत है करवा चौथ व्रत, जानें शुभ मुहूर्त

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी पर आज करवा चौथ मनाई जाती है. आज का दिन सुहागिन महिलाओं का है. आज के दिन महिलाएं पति की लंबी उमर् के लिए व्रत रखती हैं. दिनभर निर्जल उपवास के बाद शाम को चंद्रमा की पूजा करने बाद व्रत का पारण होता है. करवा चौथ की तिथि और शुभ मुहूर्त हम आपको सब …

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इन 10 बड़े कर्मों के द्वारा करे सर्वपितृ मोक्ष श्राद्ध अमावस्या पर अपने पितरों का तर्पण

सर्वपितृ मोक्ष श्राद्ध अमावस्या :- आश्विन माह की कृष्ण अमावस्या को सर्वपितृ मोक्ष श्राद्ध अमावस्या कहते हैं। यह दिन पितृपक्ष का आखिरी दिन होता है। अगर आप पितृपक्ष में श्राद्ध कर चुके हैं तो भी सर्वपितृ अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करना जरूरी होता। सभी जाने और अनजाने पितरों हेतु इस दिन निश्चित ही श्राद्ध किया जाना चाहिए। मान्यता …

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जानिये क्यों करते हैं भगवान शिव की अर्ध परिक्रमा ?

जानिये क्यों करते हैं भगवान शिव की अर्ध परिक्रमा? परिक्रमा से अभिप्राय है कि सामान्य स्थान या किसी व्यक्ति के चारों ओर उसकी बाहिनी तरफ से घूमना। इसको ‘प्रदक्षिणा करना’ भी कहते हैं, जो षोडशोपचार पूजा का एक अंग है। प्रदक्षिणा की प्रथा अतिप्राचीन है। वैदिक काल से ही इससे व्यक्ति, देवमूर्ति, पवित्र स्थानों को प्रभावित करने या सम्मान प्रदर्शन …

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कल से प्रारंभ हो रहा है शक्ति साधकों का प्रमुख अम्बुबाची महायोग

माँ कामाख्या का परिचय देने की आवश्यकता नहीं है, पूरे विश्व में माँ के भक्त है। माँ कामाख्या जगत जननी है अर्थात् सम्पूर्ण जगत की माता है, जगत प्रसूता है। देवी देवता भी माँ की भक्ति करते हैं। पृथ्वी प्रकृति स्वरूप में स्वयं शक्ति ही है। असम गुवाहाटी में नीलांचल पर्वत पर माँ कामाख्या का बहुत सुन्दर और अति प्राचीन …

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क्या होता है आत्महत्या, अकाल मृत्यु और वीरगति के बाद?

कई जन्मों के पुण्यों की जागृति का परिणाम है मनुष्य देह की प्राप्ति।यही मनुष्य देह माध्यम बनती है अनंत काल से चली आ रही चेतना की यात्रा को पूर्णता प्राप्त करवाने की। मनुष्य शरीर के बिना मुक्ति सम्भव नहीं है।कर्मों से मुक्ति,भक्ति,जागृति और सभी आनंद इसी देह में ही है। पंच महाभूतों से निर्मित यह देह जीव के लिये परमात्मा …

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इस एप्प से पाएं हिन्दू धर्म से जुड़ीं सभी जानकारी

आजकल हर ओर से नया ट्रेंड चल पड़ा है, आपको खाने से लेकर जरूरत का हर सामान बस एक क्लिक पर मिल जाता है, आपको अलग-अलग दुकानों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है। हमारे जीवन में खाना, पीना, कपड़े जितने जरूरी हैं उतना ही जरूरी है धर्म-कर्म, मंदिर, व्रत और त्यौहार। यह सब कार्य हमें ईश्वर से जोड़ते …

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भागवत पुराण से मनुष्य का जीवन सुधर जाता है : श्री शरभेश्वरानंद नंद भैरव जी महाराज

महासंकल्प फाउंडेशन के तत्वावधान में पूज्य गुरुदेव श्री शरभेश्वरानंद नंद भैरव जी महाराज के आशीर्वाद से एवं पूज्य देवी महेश्वरी जी के सानिध्य में “मूल से परम की यात्रा” कार्यक्रम का आयोजन प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश में किया गया।(ads01)

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