कितना अच्छा हो , अगर हम आँखों से देखने और कानो से सुनने की जगह दिल से देखे और सुने

टीवी पर कुछ समय पहले एक विज्ञापन आता था जिसमे कहते  थे कितना अच्छा हो अगर हम आँखों से देखने की जगह दिल से देखे . विज्ञापन कुछ इस तरह से था एक कार रेड लाइट पर रूकती है जहाँ पर एक बच्चा कुछ सामान बेच रहा था, कार में से एक महिला उसे बुलाती है और कुछ सामान खरीदती है और उसे ५०० रुपए का नोट देती है जैसे ही बच्चे को नोट मिलता है वो भाग जाता है, उस महिला को लगता है वो पैसे लेकर भाग गया है और लाइट ग्रीन हो जाती है, कार जैसे ही कुछ आगे बढती है वो बच्चा भागता हुआ आता है और बाकि के पैसे उस महिला को वापस कर देता है और फिर ये लाइन कही जाती है कितना अच्छा हो अगर हम आँखों से देखने की जगह दिल से देखे .

वैसे तो ये एक विज्ञापन है पर बहुत अच्छी सीख देता है . हम सब आँखों से देखते है और कानो से सुनते है हम कभी दिल से देखने की कोशिश नहीं करते अगर हम दिल से देखे और सुने तो कितने ही विवाद होने से बच जाये

कभी कभी कुछ लोग हमारे भले के लिए कुछ करते है पर पर हम उस बात को आँखों से देखते और कानो से सुनते है पर दिल से ये नहीं समझते की यह काम किसलिए किया गया है और अपने मन में गलतफेह्मिया पैदा कर लेते है गर दिल से देखा जाये र सुना जाये तो ये दुनिया कितनी अच्छी हो जाएगी

सुमित भारद्वाज

(इंडिया हल्ला बोल)

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