How To Use Japa Mala Beads । जप में माला का प्रयोग क्यों होता है जानिए

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How To Use Japa Mala Beads: लोग ध्यान करने के लिए और भगवान का नाम जपने के लिए माला का प्रयोग करते हैं। कुछ लोग उंगलियों पर गिन कर भी ध्यान जप करते हैं। लेकिन शास्त्रों में माला पर जप करना अधिक शुद्घ और पुण्यदायी कहा गया है।इसके पीछे धार्मिक मान्याताओं के अलावा वैज्ञानिक कारण भी है। धार्मिक दृष्टि से देखें तो अंगिरा ऋषि के कथन पर ध्यान देना होगा। अंगिरा ऋषि के अनुसार “असंख्या तु यज्ज्प्तं, तत्सर्वं निष्फलं भवेत।” यानी बिना माला के संख्याहीन जप का कोई फल नहीं मिलता है।

इसका कारण यह है कि, जप से पहले जप की संख्या का संकल्प लेना आवश्यक होता है। संकल्प संख्या में कम ज्यादा होने पर जप निष्फल माना जाता है। इसलिए त्रुटि रहित जप के लिए माला का प्रयोग उत्तम माना गया है।जबकि वैज्ञानिक दृष्टि से यह माना जाता है कि अंगूठे और उंगली पर माला का दबाव पड़ने से एक विद्युत तरंग उत्पन्न होती है। यह धमनी के रास्ते हृदय चक्र को प्रभावित करता है जिससे मन एकाग्र और शुद्घ होता है। तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।

माना जाता है कि मध्यमा उंगली का हृदय से सीधा संबंध होता है। हृदय में आत्मा का वास है इसलिए मध्यमा उंगली और उंगूठे से जप किया जाता है।जप किसी शब्द अथवा मंत्र को दोहराने की क्रिया ही नहीं है। यह पूजा-पाठ की परंपरा का हिस्सा है तो विज्ञान भी। जब हम किसी शब्द को बार-बार दोहराते हैं तो उसे जप करना कहते हैं। पूजा पद्धति में जप के माध्यम से ईश्वर के स्वरूप पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। राम, कृष्ण, शिव, दुर्गा, हनुमान आदि देवताओं के जप की परंपरा मिलती है। जप के माध्यम से भीतरी शक्ति को जागृत किया जा सकता है। आइए, जानें जप से किस तरह हम नई ऊर्जा से भर सकते हैं.

जप के प्रकार………-जप करने के तीन तरीके हैं- 

* वाचिक- जब किसी शब्द या मंत्र को आवाज के साथ दोहराया जाता है।

* उपांशु- मुंह से आवाज नहीं निकालते हुए जीभ (जुबान) से शब्द को दोहराना। 

*मानसिक- केवल मन ही मन किसी शब्द या मंत्र को दोहराना। 

जप के फायदे ……………

जप करने से हमारे अंदर सोई हुई आध्यात्मिक शक्ति जागती है। जिससे पूजा में होने वाली अनुभूति को अधिक निकटता से अनुभव किया जा सकता है। ईश्वर की अनुभूति के नजदीक पहुंचने के लिए सभी धर्मों-संप्रदायों में जप का तरीका अपनाया गया है। चैतन्य महाप्रभु ने जप को काफी महत्व दिया। श्री रामकृष्ण परमहंस के अनुसार एकाग्र होकर प्रभुनाम का जप करने से उनके रूप के दर्शन और साक्षात्कार भी होता है। वैज्ञानिक दृष्टिï से भी जप के प्रभाव सिद्ध पाए गए हैं। सामान्यत: कठिन परिस्थितियों में हम अचानक भगवान का नाम लेने लगते हैं जिससे हममें कुछ शक्ति आती है, कुछ राहत मिलती है, एक अनजानी सुरक्षा की भावना उपजती है।

जब अचानक शुरू हुए जप का इतना प्रभाव होता है तो नियमित जप की शक्ति का अनुमान लगाया जा सकता है।मंत्र का जप करने के लिए माला का प्रयोग किया जाता है। माला का प्रयोग इसलिए किया जाता है, ताकि मंत्र जप की संख्या में त्रुटी न हो। माला के प्रयोग की कुछ सावधानियां भी हैं, जिनका पालन करने से मंत्र जाप का पूर्ण लाभ मिलता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। 

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