हम जब भी रोते है या ख़ुशी के मौके पर हमारी आँखों में आँसू आ जाते है। हमारी आँखों के बाहरी कोण के करीब 3 अश्रु या लेक्रियल ग्रंथियां होती है ।
इनसे स्रावित जल सद्रश अश्रु ,पलकों ,कर्निया और कंजक्विता को नम बनाये रखता है और इनकी सफाई करके हानिकारक जीवाणुओं से बचाता है । चोट लगने या किसी बाहरी वस्तु के आँख में गिर जाने या दुःख या सुख की भावनाओ से प्रेरित होकर आँसू अधिक मात्रा में बाहर निकलने लगते है ।जन्म के करीब 4 महीने बाद मानव शिशु में अश्रु ग्रंथियाँ सक्रिय हो जाती है ।