दरअसल जिस तरह हम रोज अपने दांतो की सफाई के लिए ब्रश या दातून आदि का इस्तेमाल करते हैं ठीक उसी तरह चूहे भी बड़ी मुस्तैदी के साथ नियमित रुप से अपने दांतो की सफाई करने में लगे रहते हैं। जीव वैज्ञातिकों का मत है कि चूहे पांच वर्ष तक जीवित रह सकते हैं, लेकिन चूहों के सबसे बड़े दुश्मन दांत होते हैं। यदि उन्हे घिसा ना जाए तो साल भर में चूहों के दांत दो इंच तक बढ़ जाते हैं और जबड़े के अगले हिस्से को चीरकर बाहर निकल आते हैं।
फिर खाने की बात तो दूर चूहों का मुंह तक नहीं खुल पाता। यही वजह है कि प्राकृतिक गुण के तहत चूहे अपने दांत नियमित रुप से घिसते रहते हैं। अपने दांतों को निरंतर घिसते रहने की गरज से ही वे उन चीजों को भी कुतर डालते हैं जिनसे उनका कभी कोई मतलब नहीं होता है। मतलब ये चूहों की मजबूरी होती है शौक नहीं। चूहा भी बड़ा अजीबो-गरीब जानवर होता है , उसके कारनामे हाथी से भी बढ़कर हैं, चूहों की आबादी इंसान से दस गुना होती है, पांच-छह चूहे मिल एक आदमी का खाना आसानी से चट कर सकते हैं । एक चूहे का जोड़ा साल में लगभग एक हजार सदस्यों का परिवार बना लेता है और हां हिंदू धर्म के मुताबिक चूहा भगवान गणेश की सवारी होता है।
इंडिया हल्ला बोल