बिकता है गम बिकता है गम हँसी के बाज़ार में, लाखों दर्द छिपे होते है एक छोटे से इनकार में, वो क्या समझ पाऐंगे प्यार की कशिश, जिन्होंने फर्क ही नहीं समझा पसंद और प्यार में.. Read More »