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Gayatri Chalisa । गायत्री चालीसा

गायत्री चालीसा भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी । गायत्री नित कलिमल दहनी ॥॥ अक्षर चौविस परम पुनीता । इनमें बसें शास्त्र श्रुति गीता ॥॥ शाश्वत सतोगुणी सत रूपा । सत्य सनातन सुधा अनूपा ॥॥ हंसारूढ सितंबर धारी । स्वर्ण कान्ति शुचि गगन- बिहारी ॥॥ पुस्तक पुष्प कमण्डलु माला । शुभ्र वर्ण तनु नयन विशाला ॥॥ ध्यान धरत पुलकित हित होई …

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