कल जेल से छूटने के बाद छात्र संघ के कन्हैया के भाषण को सुन कर मुझे कुत्तों की प्रवृति याद आ गयी। “भौंकते हैं … जब कोई ठोकता है तो कुंकाते हैं यानि कैं कैं करते हैं और फिर कुछ दूरी पर जाकर भौंकने लगते हैं”। जिस न्याय व्यवस्था को मानते नही उसी से न्याय मांगने लगते हैं।याद किजिये भाषण के …
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