मंत्र की जानकारी

Shri Hanuman Mala Mantra । श्री हनुमान माला मंत्र

Shri Hanuman Mala Mantra : असाध्य रोग, शत्रु ओं के घातक प्रयोग से रक्षा हेतु, प्रेत बाधा, ग्रहपीड़ा, राजबंधन एवं घोर से घोर संकट के निवारण हेतु हनुमान मंत्र का पाठ सर्वोत्तम है। श्रीराम व महादेव की पूजा अर्चना करने के पश्चात् स्थिर मन से श्रद्धा पूर्वक हनुमान जी की आराधना करनी चाहिये। विजयदशमी, दीपावली, ग्रहणकाल, नवरात्र, शिवरात्रि, श्रावणमास, शुक्लपक्ष …

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Sri Hanuman Naam Ki Mahima । श्री हनुमानजी के नाम की महिमा

Sri Hanuman Naam Ki Mahima : श्री हनुमानजी के नाम की महिमा : कलियुग में हनुमान जी का प्रभाव सबसे अग्रिम स्थान रखता है। वैसे हम लोग हनुमान जी महाराज को बहुत नामों से संबोधित करते हैं। हनुमान जी का नाम लेने से भूत पिशाच निकट नहीं आता है। हनुमान जी के बारह नाम बहुत महत्व रखते हैं। बडे से बड़ा …

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Sankat Se Raksha Ke Liye Hanuman Mantra । संकट से रक्षा के लिए हनुमान मंत्र

Sankat Se Raksha Ke Liye Hanuman Mantra : 1. भयंकर,आपति आने पर हनुमान जी का ध्यान करके रूद्राक्ष माला पर १०८ बार जप करने से कुछ ही दिनों में सब कुछ सामान्य हो जाता है। मंत्र :- त्वमस्मिन् कार्य निर्वाहे प्रमाणं हरि सतम।           तस्य चिन्तयतो यत्नों दुःख क्षय करो भवेत्॥ २. शत्रु,रोग हो या दरिद्रता,बंधन हो या भय निम्न मंत्र का जप बेजोड़ है,इनसे छुटकारा दिलाने में यह प्रयोग अनूभुत है।नित्य पाँच लौंग,सिनदुर,तुलसी पत्र के साथअर्पण कर सामान्य मे एक माला,विशेष में पाँच या ग्यारह माला का जप करें।कार्य पूर्ण होने पर १०८बार,गूगूल,तिल धूप,गुड़ का हवन कर लें।आपद काल में मानसिकजप से भी संकट का निवारण होता है। मंत्र :- मर्कटेश महोत्साह सर्व शोक विनाशनं,शत्रु संहार माम रक्ष श्रियम दापय में प्रभो॥ ३. अनेकानेक रोग से भी लोग परेशान रहते है,इस कारण श्री हनुमान जी का तीव्र रोग हर मंत्र का जप करनें,जल,दवा अभिमंत्रित कर पीने से असाध्य रोग भी दूर होताहै तांबा के पात्र में जल भरकर सामने रख श्री हनुमान जी का ध्यान कर मंत्र जप कर जलपान करने से शीघ्र रोग दूर होता है।श्री हनुमान जी का सप्तमुखी ध्यान करमंत्र जप करें। मंत्र :- ॐ नमो भगवते सप्त वदनाय षष्ट गोमुखाय,सूर्य रुपाय सर्व रोग हराय मुक्तिदात्रे

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Mani Bhadra Veer Mantra । मणि भद्रा वीर का मंत्र

ॐ नमो मणि भद्राय आयुध धराय मम लक्ष्मी वांछितं पूरय ऐँ ह्रीँ क्लीँ सैँ मणिभद्राय नमः । ये  मंत्र   अनुभूत  हे . भूद्वार   के  दिन   एकांत  कमरे  पर  जमीन  पर  गोबर  से  लिप  ले  .एक  लकड़ी  के  पत्ता  बिछा  दे  वह  .फिर  आप  उस  के  उपर   सिन्दूर  से ( श्री  ) लिख  ले .वस्त्र   के …

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Sarson Se Bhoot Bhagane Ka Shiv Mantra सरसों से भूत भगाने का शिव मंत्र

Sarson Se Bhoot Bhagane Ka Shiv Mantra सरसों से भूत भगाने का शिव मंत्र (ये भी पढ़े – नाम के पहले अक्षर से जानिये अपने पार्टनर का प्रेम व्यवहार)  मनुष्य शारीरिक, मानसिक और बाहरी (भू‍त-प्रेत) नजर इत्यादि बीमारियों से परेशान रहता है। शारीरिक बीमारी के लिए डॉक्टर या वैद्य के पास जाकर मनुष्य ठ‍ीक हो जाता है। मानसिक बीमारी का …

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Nazar Door Karne Hetu Hanuman Mantra । नजर आदि दूर करने हेतु हनुमान मंत्र

Nazar Door Karne Hetu Hanuman Mantra : यंहा मैं ऐसे मंत्र का प्रयोग बताने जा रहा हूॅ, जो किसी भी व्यक्ति पर किये गये पर-प्रयोग, बाधा, बुरी नजर आदि को हटाने में पूर्ण सक्षम है। मेरा अनुभव है कि यदि किसी व्यक्ति की बुरी नजर किसी भी व्यक्ति के रोजगार पर, उसकी सम्पत्ति पर, अथवा उसके सुख पर लग जाए तो अच्छा-खासा परिवार तबाह …

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Aakash Pari Sadhana । आकाश परी साधना

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Aakash Pari Sadhana आकाश परी साधना परी साधना सौभाग्य और सौंदर्य का अद्भुत मिश्रण होती है । आपके जीवन पथ को पूर्णतः निष्कंटक बनाने का काम करती है एक परी । आपके जीवन में चाहे कितनी ही बड़ी मुश्किल कयूँ ना हो बस अपनी छोटी सी मदभरी मुस्कान से उस मुश्किल को आपके जीवन से एसे निकाल फेंकती है जैसे वो …

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Veer Betaal Sadhana वीर बेताल साधना

Veer Betaal Sadhana वीर बेताल साधना  यह साधना रात्रि कालीन है स्थान एकांत होना चाहिए ! मंगलबार को यह साधना संपन की जा सकती है ! घर के अतिरिक्त इसे किसी प्राचीन एवं एकांत शिव मंदिर मे या तलब के किनारे निर्जन तट पर की जा सकती है ! पहनने के बस्त्र आसन और सामने विछाने के आसन सभी गहरे काले …

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Lankesh Darshan Mantra । लंकेश दर्शन मन्त्र

Lankesh Darshan Mantra : रावण | एक ऐसा नाम जो की आज घर घर मे प्रचलित है, लेकिन एक तंत्र साधक के लिए इस नाम की व्याख्या पूर्ण रूप से बदल जाती है | वह व्यक्तित्व जो की एक महान शिव भक्त था, शैव तन्त्रो मे अत्यधिक उच्चता प्राप्त व्यक्ति जिस के सामने शिव हमेशा ही प्रत्यक्ष रहते थे. अत्यधिक …

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Maha Kaali Shabar Mantra । महा-काली शाबर मन्त्र

महा-काली शाबर मन्त्र :- “काली-काली महा-काली कण्टक-विनाशिनी रोम-रोम रक्षतु सर्वं मे रक्षन्तु हीं हीं छा चारक।।”  विधिः आश्विन-शुक्ल-प्रतिपदा से नवमी तक देवी का व्रत करे। उक्त मन्त्र का १०८ बार जप करे। जप के बाद इसी मन्त्र से १०८ आहुति से। घी, धूप, सरल काष्ठ, सावाँ, सरसों, सफेद-चन्दन का चूरा, तिल, सुपारी, कमल-गट्टा, जौ (यव), इलायची, बादाम, गरी, छुहारा, चिरौंजी, …

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