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हिंदी को भी अन्ना का इंतजार

हिंदी पखवाड़े की धूम है। हिंदी को लेकर साल भर तक नाक-भौं सिकोड़ने वालों की जुबान बदल गई है। खासतौर पर सरकारी दफ्तरों में गोष्ठियों और सेमिनारों की धूम है। पूरे साल तक कोने में बैठे उंघता-सा दिखता रहा राजभाषा विभाग इन दिनों जा गया है। वैसे पूरे साल सोने और उंघने की ड्यूटी निभाते राजभाषा विभाग को 1951 से …

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साक्षरता दर बढ़ने का फंडा…

जिस देश में शिक्षा की अनिवार्यता का क़ानून लागू है वहा शिक्षा के कई रंग,कई रूप देखने को मिल जायेंगे…देश के अलग-अलग प्रान्तों की बात कुछ देर के लिए दर किनार कर भी दे तो छत्तीसगढ़ में शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा है ऐसा भी नही है….मै राज्य की न्यायधानी यानि की बिलासपुर में रहता हूँ…जिले के कई स्कूलों पर …

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कांग्रेस में परिवारवाद तो भाजपा में व्यक्तिवाद हावी

यह बात सौ फीसदी सच नजर आती है कि लोकतंत्र में व्यक्तिवाद और परिवारवाद उचित नहीं है और नीति व विचार को ही महत्व दिया जाना चाहिए, मगर सच्चाई ये है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश कहाने वाले हमारे भारत में परिवारवाद और व्यक्तिवाद ही फलफूल रहा है। कांग्रेस तो चल ही परिवारवाद पर रही है, जबकि भाजपा …

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