अतुल्य भारत

आत्मिक बल प्राप्त करने का माध्यम नवरात्र, धार्मिक व वैज्ञानिक दृष्टि से

धार्मिक दृष्टि से हिन्दू पंचांग के आश्विन माह की नवरात्रि शारदीय नवरात्रि कहलाती है। विज्ञान की दृष्टि से शारदीय नवरात्र में शरद ऋतु में दिन छोटे होने लगते हैं और रात्रि बड़ी। वहीं चैत्र नवरात्र में दिन बड़े होने लगते हैं और रात्रि घटती है, ऋतुओं के परिवर्तन काल का असर मानव जीवन पर न पड़े, इसीलिए साधना के बहाने …

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शंख का महत्व धार्मिक व वैज्ञानिक दृष्टि से

  दिल्ली के ख्यातिप्राप्त ज्योतिषविद् पं. जयगोविन्द शास्त्री जी बता रहे हैं शंख के बारे मे शंख की ध्वनि जहां तक जाती है, वहां तक स्तित अनेक वीमारियों के कीटाणुओं के ह्दय दहल जाते हैं व मूर्छित होकर नष्ट होने लगते हैं। डॉ जगदीश चंद्र बसु जैसे भरतीय वैज्ञानिकों ने बी इसे सही माना है। महाभारत में युद्ध के आरंभ, युद्ध …

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पूजा में दही का उपयोग करना शुभ क्यों माना जाता है?

पंचामृत का पहला भाग दूध होता है जो हमें गाय से मिलता है गाय में देवी देवताओं का वास होने से दूध को अमृत माना गया है। इसीलिए कहा जाता है कि दूध व दही से सेवा करने से देवता भी प्रसन्न हो जाते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए तो प्रसाद के रूप में पंचामृत में दही खाने …

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महाशिवरात्रि व्रत की महिमा

महाशिवरात्रि यह पर्व बड़ी ही धूम -धाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग में जाकर भगवान शिव और पार्वती की पूजा करते है.और कुछ लोग तो इस दिन सांप को दूध भी पिलाते है। महाशिवरात्रि का व्रत फाल्गुन महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को रखा जाता है शिवरात्रि न केवल व्रत है, बल्कि त्यहार और उत्सव भी है। …

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होली के त्यौहार का महत्व

होली का हर मनुष्य के जीवन में अलग ही महत्व होता है. इस वर्ष होली का त्यौहार 6 तारीख को मनाया जायेगा. होली रंगों का त्यौहार होता है लेकिन कुछ लोग इस दिन शराब पि कर लड़ाई करते है तथा इस त्यौहार को बदनाम करते है . कान्हा की नगरी मथुरा, वृंदावन में महिलाएं छेड़-छाड़ के डर से होली के दिन …

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होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को ही क्यों मनाते हैं ?

पौराणिक कथा के अनुसार असुर राज हिरण्यकशिपु का पुत्र प्रहलाद भगवद् भक्त (भगवान का भक्त) था। उसे वह भगवान श्रीहरि की पूजा करने से मना करता था। किन्तु जब प्रहलाद नहीं माने तो वह (हिरण्यकशिपु) उसे मारने के अनेक उपाय किए पहाड़ पर ले जाकर गहरी खाई में गिराया । अस्त्र से मारने का प्रयास किया किन्तु वह विफल रहा तब …

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भीगे मन से होगी पितरो की विदाई

वैदिक परंपरा और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार का पुत्र पुत्रत्व तभी सार्थक माना जाता है जब वह अपने जीवित माता – पिता की सेवा करे और उनके मरने के बाद उनकी बरसी पर तथा पितृपक्ष पर उनका विधिवत श्राध्द करे. अश्विन महीने के अमावस्या तक को महालया पक्ष या पितृपक्ष कहा जाता है. 12 जो सितम्बर 27 से सितम्बर तक …

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लिव इन रिलेशनशिप एक प्राचीन भारतीय परंपरा

लिव इन रिलेशनशिप पर हमेशा से बहस चलती रही है। आधुनिक समाज में प्रेमी-प्रेमिका के शादी से पहले एक साथ एक छत के नीचे रहने की बात अब आसानी से स्‍वीकार की जाने लगी है, लेकिन इस पर यह आरोप लगता रहा है कि यह पश्चिमी देशों और संस्‍कृति की नकल है। लेकिन इस देश की रीति-रिवाजों व परंपरओं पर …

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मालवा क्षेत्र से लौटकर अखिलेश अखिल की खास व मार्मिक रिपोर्ट

कपास की खेती के लिए देश में मशहूर पंजाब का मालवा क्षेत्र मानो‘शापित’ हो गया है। यहां के किसी भी गांव में आप चले जाइए, नीरव शांति के बीच बिलखते लोगों को देखकर आपकी आंखें पसीज उठेंगी। कैंसर का ऐसा प्रकोप शायद ही आपको कहीं देखने को मिला हो। किसी के हाथ में,तो किसी के कान, किसी के पैर तो किसी की छाती …

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आइटम गीत बना फिल्म का मुख्य हथियार

धरती पर मनुष्य का उद्भव एक मनोरंजक प्राकृतिक  घटना क्रम है और मनुष्य अपने जन्म से लेकर मृत्यु तक मनोरंजन ही करता रहता है। अगर मनोरंजन के मामले में हम बात करे सिनेमा की तो, सिनेमा को मनोरंजन के एक सशक्त माध्यम के तौर पर देखा जाता है। आज के दौर में फिल्मो से अच्छे  गीतगायब होते जा रहे है …

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