वैदिक ज्ञान

Understanding Sanatana Dharma । सनातन धर्म के अनुसार भिन्न-भिन्न प्राणियों के बारे में जानें

Understanding Sanatana Dharma : सनातन धर्म यानि की हिन्दू धर्म सभी जानते हैं, कि वैज्ञानिकता से ओत-प्रोत है। बहुत से ग्रंथों और दर्शनों से भरा हुआ हमारा धर्म बहुत ही विशाल है। भिन्न भिन्न प्राणियों के शरीर जैसा की वैशेषिक दर्शन में लिखा है | दो प्रकार के होते हैं | 1. योनिज़ – जो माता पिता के संग से …

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What is form of Sagun aur Nirgun । जानें सगुण-निरगुण की सृष्टि क्या है

What is form of Sagun aur Nirgun : जब से यह सृष्टि बनी है और उस के पश्चात जब जीव उत्पन्न हुआ उसके मन में हमेशा ही यह प्रश्न गूँजते रहे की मैं कौन हूँ? यह प्रकृति क्या है और उसको बनाने वाला पुरूष कौन है। अर्थात् उन ज्ञानी पुरूषों के हृदय में जिन्होंने कि सम्पूर्णता को प्राप्त नहीं किया …

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Shiv Ki Aghor Sadhana Kaise Karein । शिव की अघोर साधना कैसे करे ?

Shiv Ki Aghor Sadhana Kaise Karein : शिव की अघोर साधना : क्यों की वह मन की सीमा के पार है, तभी तो वह संत है. संत का अर्थ है परम संतुलन. और संतुलित सदा अतिक्रमण कर जाता है. संत को पहचानने की दृष्टि तुममे अभी नही आ सकती, यदि यहि दृष्टि आ जाए तो तुम्ही संत हो जाओ. फिर तुम्हे …

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सोलह सिद्धिया Siddhi

सोलह सिद्धिया Siddhi 1. वाक् सिद्धि : जो भी वचन बोले जाए वे व्यवहार में पूर्ण हो, वह वचन कभी व्यर्थ न जाये, प्रत्येक शब्द का महत्वपूर्ण अर्थ हो, वाक् सिद्धि युक्त व्यक्ति में श्राप अरु वरदान देने की क्षमता होती हैं! 2. दिव्य दृष्टि: दिव्यदृष्टि का तात्पर्य हैं कि जिस व्यक्ति के सम्बन्ध में भी चिन्तन किया जाये, उसका भूत, …

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Importance of Svaha स्वाहा का अर्थ

Importance of Svaha स्वाहा का अर्थ स्व माने मुँह खोलना हा माने बन्द करना जिस देव के नाम का मँत्र उच्चारण किया जावे, भोग उसी देव को लगता … स्व का तात्पर्य “अपना” आहा का तात्पर्य “आनंद लो” स्वाहा का महत्व हममें से ज्यादातर नहीं जानते हैं। ऋग्वैदिक आर्यों ने यज्ञीय परंपरा के दौरान देवताओं तक हविष्य पहुंचाने के लिए …

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गाय और कृष्ण अवतार बंदर और राम अवतार

आप जरा विचार कीजिये श्री कृष्ण बिना विचारे कोई काम नहीं करते हैँ। इतना योजनावद्ध तरीके से कोई जीवन जीने वाला अवतार नहीं हुआ, तो ऐसा क्यों हुआ होगा ? कि उन्होंने अपने आपको गौऊ से जोड़ा होगा। चलिये इस पर थोडा सा चिंतन करिये और संकल्प लीजिये, जहाँ तक बने गौ सेवा जरूर करेंगे। ये छोटी घटना नहीं हैँ …

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Parmatma Ki Prapti परमात्मा की प्राप्ति होने का क्या अर्थ है?

सामवेद के छान्दोग्य उपनिषद् पर विचार करते हुए भगवान् शंकराचार्य हमें बतातें हैं कि परमात्मा की प्राप्ति का तात्पर्य है जीवन में ३ बातें घटित हो जाना – १. विदेह भाव की प्राप्ति – अर्थात् अपने शरीर से भी ऊपर उठ जाना, यानी अपने शरीर तक में अहंता (मैंपन) और ममता (मेरापन) समाप्त हो जाना। नित्यपरिवर्तनशील पाञ्चभौतिक शरीर कुछ काल …

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What is Religion in Hindi धर्म किसे कहते हैं

धर्म किसी एक या अधिक परलौकिक शक्ति में विश्वास और इसके साथ-साथ उसके साथ जुड़ी रिति, रिवाज़, परम्परा, पूजा-पद्धति और दर्शन का समूह है। मनु ने धर्म के दस लक्षण बताये हैं: धृतिः क्षमा दमोऽस्तेयं शौचमिन्द्रियनिग्रहः। धीर्विद्या सत्यमक्रोधो, दशकं धर्मलक्षणम् ॥ (धृति (धैर्य), क्षमा (दूसरों के द्वारा किये गये अपराध को माफ कर देना, क्षमाशील होना), दम (अपनी वासनाओं पर …

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Saptrishi Name जानिये किस किस काल में हुए सप्तऋषि

सप्तर्षि या सात तारों का समूह। तुमने दादी अम्मा से इसके बारे में सुना भी होगा और रात में इन्हें आसमान में देखने का मौका भी मिला होगा। आसमान में अनगिनत तारे हैं, ये तो तुम जानते ही हो। इनके अलग-अलग नाम भी हैं, जो इनकी खूबियों को देखकर दिए गए हैं। इनमें सात ऋषियों के नाम से पहचाने जाने …

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The Hindu God Hanuman । हनुमान को अपने ही पुत्र से युद्ध क्योँ करना पड़ा जानें

The Hindu God Hanuman: पवनपुत्र हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी थे तब कैसे कोई उनका पुत्र हो सकता है। वाल्मीकि रामायण के अनुसार उनके पुत्र की कथा हनुमानजी के लंका दहन से जुड़ी है।उस समय हनुमानजी सीता की खोज में लंका पहुंचे और मेघनाद द्वारा पकड़े जाने पर उन्हें रावण के दरबार में प्रस्तुत किया गया, तब रावण ने उनकी पूंछ में …

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