वैदिक ज्ञान

जानिये भगवान शिव पर क्यों चढ़ाए जाते हैं आक, भांग, बेलपत्र और धतूरा

सावन के महीने 13 दिन बीत चुके हैं और आज 14वां दिन है। शिव मंदिरों में भक्तों का जमावड़ा लगा हुआ है। भगवान शिव को भोले-भंडारी कहा जाता हं। जो भी उनकी शरण में गया है, उन्होंने उस पर अपनी कृपा बरसाई है फिर वह चाहे देवता हो, असुर हो या मानव। हर भक्त शिव की पूजा कर उन्हें प्रसन्न …

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जानिए कितने प्रकार की होती है कांवड़ और क्या हैं इसके नियम

उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा में दूसरे राज्यों से लाखों की संख्या में कांवड़ियां हर की पौड़ी आते हैं और जहां से गंगाजल लेकर शिवरात्रि पर अपने-अपने क्षेत्रों के शिवालयों में जलाभिषेक करते हैं। कांवड़ यात्रा को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जाता है। कांवड़ यात्रा कैसे शुरू हुई, किसने शुरू की, कितने प्रकार की होती है और कांवड़ के …

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Who is Lord Dattatreya? || जानिए कैसे है भगवान दत्तात्रेय है त्रिदेवों के अवतार ?

Who is Lord Dattatreya? :- भगवान दत्तात्रेय,महर्षि अत्रि और उनकी सहधर्मिणी अनुसूया के पुत्र थे।इनके पिता महर्षि अत्रि सप्तऋषियों में से एक है,और माता अनुसूया को सतीत्व के प्रतिमान के रूप में उदधृत किया जाता है। एक बार की बात है माँ अनुसूया त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश जैसे पुत्र की प्राप्ति के लिए कड़े तप में लीन हो गईं, जिससे …

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Does lord Shiva smoke Chillum? || क्या सच में भगवान शिव गांजे एवं भांग का सेवन करते हैं?

पहले समझते हैं कि गांजा और भांग की अवधारणा कहाँ से शुरू हुई :- बहुत से साधु जो शैववाद के नागा संप्रदाय से होते हैं,जो दुनिया के सबसे समर्पित संप्रदायों में से एक हैं उन्हें आप ने बहुत बार शरीर पर राख रमाये और गांजे से धूम्रपान करते देखा होगा।लेकिन वे ऐसा क्यों करते हैं? इसके पीछे सरल तर्क है, …

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Present Deity of Shri Badri Vishal Bhagwan || श्री बद्री विशाल भगवान का वर्तमान विग्रह।

पुराकृतयुगस्यादौ सर्वभूत हिताय च। मूर्तिमान्भगवांस्तत्रतपोयोग समाश्रिताः।। त्रेतायुगेहिऋषिगणौ योगाभ्यासैक तत्परः। द्वापरे समनुपाप्ते ज्ञान निष्ठोहि दुर्लभः।। पहले सत्ययुग में भगवान् मूर्तिमान् होकर तपस्या करते थे। त्रेता से योगाभ्यासी ऋषियों दर्शन होते थे। द्वापर आने पर ज्ञाननिष्ठ मुनियों को भी भगवान् के दर्शन दुर्भभ हो गये अर्थात् उन्हें भी भगवान् दिखाई नहीं दिये। श्री भगवान् पहिले अपने साक्षात् रूप से बदरिकाश्रम में निवास …

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What indicates if God comes in dream? || जानिए सपने में शिवलिंग का दिखना क्योँ बेहद शुभ माना गया है ?

What indicates if God comes in dream? :- स्वप्न शास्त्र के अनुसार सपने में शिवलिंग का दिखना बेहद शुभ माना गया है। ऐसा सपना जीवन के सभी अशुभ तत्वों का नाश करने वाला होता है।इसके अलावा अगर लंबें समय से परेशानियां चल रही हैं और आपको सपने में शिवलिंग दिखें तो समझ लें कि अच्छा समय शुरू होने वाला है। …

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देवी गंगा किसकी पुत्री और किसकी पत्नी थीं?

गंगा क्या है? नदी या देवी?:- सचमुच गंगा के बारे में जानना बहुत जरूरी है। नदी है तो फिर देवी कैसे और देवी है तो फिर नदी कैसे? दरअसल, भारत में प्रत्येक नदी को देवीतुल्य माना गया है, क्योंकि उसी से संपूर्ण भारत में अन्न – जल उत्पन्न होता है। वही है जो मानव जीवन को संभाले हुए है। नदी …

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What is the difference between Jyotirlinga and Shivlinga? || क्या अंतर है ज्योतिर्लिंग और शिवलिंग में, जानिए ?

ज्योतिर्लिंग और शिवलिंग में अंतर :-  शिवपुराण की एक कथा के अनुसार, एकबार सृष्टिकर्ता ब्रह्मा जी और जगतपालक विष्णु जी में विवाद हुआ कि उनमें श्रेष्ठ कौन है, तब उन दोनों का भ्रम समाप्त करने के लिए भगवान शिव एक महान ज्योति स्तंभ के रूप में प्रकट हुए, जिसकी थाह ये दोनों देव नहीं पा सके। इसी को ज्योतिर्लिंग कहा …

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जानें भगवान् श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी अनसुनी बातें

1:- भगवान् श्री कृष्ण के खड्ग का नाम नंदक, गदा का नाम कौमौदकी और शंख का नाम पांचजन्य था जो गुलाबी रंग का था। 2:- भगवान् श्री कॄष्ण के परमधामगमन के समय ना तो उनका एक भी केश श्वेत था और ना ही उनके शरीर पर कोई झुर्री थीं। 3.भगवान् श्री कॄष्ण के धनुष का नाम शारंग व मुख्य आयुध …

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विभिन्न धातु के पात्रों में भोजन करने से क्या – क्या लाभ और हानि होती है, जानिए।

1:- सोना :- सोना एक गर्म धातु है। सोने से बने पात्र में भोजन बनाने और करने से शरीर के आन्तरिक और बाहरी दोनों हिस्से कठोर, बलवान, ताकतवर और मजबूत बनते है और साथ साथ सोना आँखों की रौशनी बढ़ता है। 2:- चाँदी :- चाँदी एक ठंडी धातु है, जो शरीर को आंतरिक ठंडक पहुंचाती है। शरीर को शांत रखती …

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