फिल्म समीक्षा

फिल्‍म रिव्‍यू: गब्बर इज बैक

देश और प्रदेशों की सरकारें अच्छा काम करें, अधिकारी ईमानदार हो जाएं और लोग स्वार्थ के बजाय सच्चाई के रास्ते पर चलें तो हम बहुत सारी बेकार फिल्में देखने से बच सकते हैं। अमूमन ऐसा होता नहीं। नतीजा यह कि बरसों से सत्ता, नेताओं और अधिकारियों को ठोकने में इतनी रीलें नष्ट हो चुकी हैं कि फार्मूला दम तोड़ गया …

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फिल्‍म रिव्‍यू: कागज के फूल

यू-ए- कॉमेडी निर्देशक- अनिल कुमार चौधरी प्रमुख कलाकार- विनय पाठक, मुग्धा गोडसे, सौरभ शुक्ला, राइमा सेन स्टार – 1 मुंबई। साल 1959 में आई थी गुरुदत्त की क्लासिक फिल्म ‘कागज के फूल’। हालांकि उस समय इसे बॉक्स ऑफिस पर सफलता नहीं मिली थी, लेकिन बाद में इसे क्लासिक फिल्म का दर्जा मिला। फिल्म क्रिटिक्स ने इसे अपने समय से कहीं …

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राजस्थानी चाशनी में लिपटा सनी लियोनी का ग्लैमर

अगर इंसान का पुनर्जन्म हो सकता है तो सिनेमा का भी पुनर्जन्म संभव है। पुरानी थीम को उठा कर नया सिनेमा गढ़ा जा सकता है। भले ही चेहरे बदल दिए जाएं। एक पहेली… लीला पुनर्जन्म की कहानी है। जिसमें थोड़ा-सा रहस्य है और ज्यादातर ऊब है। अगर इसमें सनी लियोनी के ग्लैमर की गोंद न हो तो आपके कुर्सी से …

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